सैलाब में लापता अमरनाथ यात्रियों की तलाश में जुटी सेना

 अबतक 16 यात्रियों की हुई मौत, 40 से अधिक लापता
श्रीनगर (एजेंसी)। अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से आए सैलाब में अभी तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस दौरान 65 श्रद्धालु लापता बताए जा रहे हैं। छह घायलों को मलबे से जिंदा बचाया गया है। बाढ़ के पानी में कम से कम 25 टेंट बह गए हैं। घायलों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है। लापता यात्रियों की तलाश में सेना भी जुट गई है।
घाटी में पूरी रात हल्की बारिश हुई है और यह बारिश शनिवार को भी जारी है। बारिश के बीच एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया जा रहा है।
इसी बीच बालटाल और पहलगाम मार्ग से अमरनाथ की पैदल यात्रा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके बावजूद जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से शनिवार को पहलगाम आधार शिविर के लिए चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं का एक जत्था रवाना हो गया। इसी बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश के बावजूद वाहनों की आवाजाही के लिए खुला है।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई थी। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण पहाड़ से पानी के बहाव के साथ आई मिट्टी और पत्थर में कम से कम 25 टेंट और तीन लंगर बह गए थे।
पांच की हुई पहचान
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में मरने वाले 16 श्रद्धालुओं में से पांच की पहचान मोहन लाल बदावा पुत्र राज कुमार बधावा निवासी गंगानगर (राजस्थान), सुशील खत्री पुत्र बधराज निवासी गंगानगर (राजस्थान), सुनीता बधावा पत्नी मोहन लाल बधावा निवासी गंगानगर (राजस्थान), परकाशी पत्नी जय नारायण निवासी मधागीर अंबेडकर नगर (दिल्ली) और विरमति पत्नी बालकृष्ण निवासी अंबेडकर नगर मंदनगर (दिल्ली) के रूप में हुई है। अभी तक 11 श्रद्धालुओं की पहचान नहीं हो सकी है।

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