गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में यज्ञ, हवन एवं विशेष पूजा का आयोजन
-परमात्मा/भगवान से मिलने का मार्ग दिखाने वाले गुरु का स्थान निसन्देह परमात्मा से भी ऊपर- डॉ0 सुधीर गिरि, चेयरमैन
-शिक्षण संस्थानो के लिए गुरु पूर्णिमा से बढकर कोई पर्व नहीं- डॉ0 राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति,
मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग/बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान में गुरु पूर्णिमा के पुनीत पर्व पर यज्ञ, हवन एवं विशेष पूजा का अयोजन किया गया, जिसमें सभी ने अपने गुरुओ/शिक्षको के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए जीवन में उनके महत्व को सबसे ऊपर बताते हुए आजीवन उनके दिखाये गये ज्ञान के मार्ग पर चलने की शपथ ली। इसके बाद सांस्कृतिक संध्या के साथ-2 भण्डारे का भी आयोजन किया।
गुरु पूर्णिमा पर आयोजित हवन, पूजा एवं सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ0 सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ0 राजीव त्यागी, कुलपति प्रो0 पी0के0 भारती, कुलसचिव प्रो0 पीयूष पाण्डेय, आचार्य रामनिवास शास्त्री आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
गुरु पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चेयरमैन डॉ0 सुधीर गिरि ने कहा कि निसन्देह रूप से गुरु का स्थान हमारे जीवन में भगवान से ऊपर है क्योकि गुरु ही हमे उस परमात्मा से मिलाने का मार्ग प्रशस्त करता है। गुरु का शाब्दिक अर्थ है ’’भारी’’ होता है जिसका मतलब यह है कि जो ज्ञान, ध्यान, शिक्षा, संस्कार एवं पुरुषार्थ में ’’भारी’’ यानि ’’श्रेष्ठ’’ हो। जो आपको गुण सिखाये, जीवन जीने के गुर सिखाये वही गुरु होता है। उन्होने अपने जीवन की सारी सफलता का श्रेय अपने श्रेष्ठ गुरुओ को दिया।
प्रतिकुलाधिपति डॉ0 राजीव त्यागी ने कहा कि छात्रो, शिक्षको एवं शिक्षण संस्थानो के लिए ’’गुरु पूर्णिमा’’ सबसे बडा महापर्व है। एक गुरु ही है जो हमे अज्ञानता के अंधकार, भय, क्रोध, भ्रम/सन्देह, मोह, लोभ के बन्धन से मुक्त कराकर ज्ञान के प्रकाश से आलौकित करता है।
इस अवसर पर मेरठ परिसर निदेशक डॉ0 प्रताप सिंह, डॉ0 राजेश सिंह, डॉ0 राकेश यादव, अलका सिंह, विम्स सलाहकार डॉ0 आर0एन0सिंह, डॉ0 संजीव भट् एच0आर0 हेड शिवशंकर, अरूण गोस्वामी, ब्रजपाल, डॉ0 संजय तिवारी, दीपक कुमार, अभिषेक महेश्वरी, प्रीतपाल एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे।
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