देश का पहला राष्ट्रीय मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मेरठ में हुआ तैयार
आज होगा शुभारंभ ,तीन विदेशी व पांच भारतीय शिक्षक देंगी ट्रेनिंग , 18 माह का होगा मिडवाइफरी ट्रेनिंग कोर्समेरठ 23 जून 2022। लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में देश का पहला का पहला नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बन कर तैयार हो गया है। इसमें देश के चार राज्यों की बीएससी नर्सिंग की छात्राओं को तीन विदेशी व पांच भारतीय शिक्षकों द्वारा 18 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद उनको जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी पर तैनात किया जाएगा। देश के पहले नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का शुभारंभ शुक्रवार को भारत सरकार और नेशनल हेल्थ मिशन लखनऊ के अधिकारी गण,जिलाधिकारी दीपक मीणा व उपनिदेशक चिकित्सा परिवार कल्याण डा संगीता गुप्ता संयुक्त रूप से करेंगे।
नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश राणा ने बताया महिला चिकित्सकों की कमी को पूरा करने और शिशु.मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए मेडिकल में 18 माह का मिडवाइफरी ट्रेनिंग कोर्स कराया जाएगा। यह देश का पहला ऐसा इंस्टीट्यूट होगा जहां पर देश के चार राज्यों से चयनित की गयी बीएससी नर्सिंग की छात्राओं को 18 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टेट नोडल अधिकारी डा. दिनेश राणा ने बताया मिडवाइफरी कोर्स के लिए बीएससी नर्सिंग की छात्राओं को पांच वर्ष और एमएससी नर्सिंग की छात्राओं को तीन वर्ष का अनुभव जरूरी है। इसके बाद कोर्स के लिए एंट्रेंस टेस्ट देना होगा। इस कोर्स को करने के बाद ही उनकी सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने बताया चार राज्यों से 30 बीएससी नर्सिंग की छात्राओं ने आवेदन किया गया था जिसमें से 27 को ट्रेनिंग के चयनित किया गया है।उन्होंने बताया देशभर में ऐसे 6 सेंटर बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया अभी यह ट्रेनिंग इंग्लैंड व अमेरिका में बीएससी छात्रों को दी जा रही है। देश में मेरठ में इस इंस्टीट्यूट से बीएससी नर्सिंग की छात्राएं ट्रेनिंग ले सकेंगी। उन्होंने बताया बीएससी छात्राओं को ट्रेनिंग देने के लिये तीन विदेशी जिसमें दो इंग्लैंड व एक फिलीपींस की जब पांच भारतीय शिक्षकों को तैनात किया गया है।
एनआईएमटी की मेरठ कोऑर्डिनेटर डॉ नमिता ने बताया कि मेरठ में नेशनल मिडवाईफरी ट्रेनिंग सेंटर खुलना अहम है। यह प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बीएससी नर्सिंग की छात्रा खुद ही किसी भी गर्भवती और उसके शिशु के लिये डॉक्टर की तरह रोल अदा कर सकेगी।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया . इस कोर्स को करने के बाद नर्सिंग की छात्राओं को स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल महिला अस्पताल में तैनाती दी जाएगी। छात्राएं कोर्स करने के बाद इन केंद्रों पर प्रसव कराएंगी। इससे काफी हद तक देहात की सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
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