आत्म नियंत्रण का व्यावहारिक मार्ग है योगः प्रो.हरेराम त्रिपाठी

 अंतर विवि अध्यापक शिक्षा केन्द का योग समारोह

वाराणसी। अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र (आईयूसीटीई), सुन्दर बगिया परिसर, बीएचयू की ओर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके वक्ताओं ने जहां योग की महत्ता पर प्रकाश डाला वहीं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और मंगलाचरण के साथ प्रारम्भ हुआ। संस्था के निदेशक प्रो. प्रेम नारायण सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस मौके पर योग के लाभ विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया। एमटीएस. संवर्ग में प्रथम पुरस्कार विकास कुमार को, द्वितीय विनीत कुमार उपाध्याय और तृतीय पुरस्कार वीरेन्द्र पटेल को दिया गया। अकादमिक संवर्ग में प्रथम पुरस्कार-डा. ऋचा सिंह, द्वितीय-डा. अमित कुमार दूबे तथा तृतीय पुरस्कार-डा. तिलोत्तमा सिंह को दिया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. आनन्द कुमार त्यागी, कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने योग को पर्यावरण, उर्जा  और भारतीय मूल्यों से संयोजित करते हुये कहा कि योग बोधि की अवस्था को प्राप्त करने का सरल साधन है।
 विशिष्ट अतिथि प्रो. हरे राम त्रिपाठी, कुलपति, संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी ने कहा कि योग आत्म शुद्धि और आत्म-नियंत्रण का व्यावहारिक मार्ग है। योग मन पर विजय पाने की एक महत्वपूर्ण एवं चैतन्य प्रक्रिया है, जो पुरुषार्थ, यम-नियम, प्राणायाम, गायत्री मंत्र साधना, स्वस्थ चित्त, संस्कार और भारतीय दर्शन से
अनुप्राणित है।
इनके अलावा  कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. हरिश्चन्द्र सिंह राठौर, पूर्व कुलपति, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गया, संस्था के निदेशक प्रो. प्रेमनरायण सिंह ने भी योग के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डा. पारोमिता चौबे एवं मंगलाचरण डा. नित्यानन्द उपाध्याय ने किया। इस मौके पर अमरजीत सिंह, अभिनेष सिंह, डा. हिमांशु त्रिपाठी, डा. अवधेश कुमार मिश्र, डा. ऋचा सिंह, डा. तिलोत्तमा सिंह, अनिल राय,  के. अजय कुमार, संजीव कुमार श्रीवास्तव, अशोक सिंह, राजेश श्रीवास्तव, अभिज्ञान, वीरेन्द्र कुमार समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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