शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य समापन
Meerut- शोभित विश्वविद्यालय में एनवायरमेंट, हेल्थ केयर, फूड सिक्योरिटी एवं सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य समापन किया गया। समापन समारोह की शुरुआत सरस्वती मां की वंदना एवं दीप प्रज्वलित कर की गई तत्पश्चात स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज विभाग के निदेशक प्रोफेसर अशोक कुमार द्वारा स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर जयानंद द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की फीडबैक प्रस्तुत की गई इस अवसर पर विशेष अतिथि प्रोफेसर मनोज नाजिर एवं प्रोफेसर विनय चक्रवर्ती ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि जिस प्रकार शोभित विश्वविद्यालय नवाचार एवं अनुसंधान पर कार्य कर रहा है वह प्रशंसनीय है उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं कुलपति प्रोफेसर ए पी गर्ग की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस शिक्षण संस्थान में इस तरह की लीडरशिप होगी वह निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को छुएगा।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व के जाने-माने वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने 100 से अधिक शोध पत्र एवं 40 से अधिक पोस्टर प्रस्तुत कर अपने अपने विचार व्यक्त किए एवं सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय से जुड़े ज्वलंत समस्याओं पर अपने शोध पत्रों के माध्यम से सुझाव साझा किए कार्यक्रम में अमेरिका, बांग्लादेश, जर्मनी, नेपाल , ओमान, कतर आदि देशों से युवा वैज्ञानिकों एवं पर्यावरणविदों ने सम्मेलन में अपनी सहभागिता की ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए पी गर्ग द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत की गई। जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से बताया कि अगर हम सब जल, जमीन एवं वायु को प्रदूषित होने से रोक ले तो बाकी सब कुछ प्रकृति अपने आप कर देगी। उन्होंने वैदिक माइक्रोबायोलॉजी के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि जो हम आज साइंस में पढ़ रहे हैं वह सब कुछ बहुत पहले से हमारे वेदों में लिखा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बताए गए सुझावों को विश्वविद्यालय भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय, एवं इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस में भेजेगी जिससे इन सुझावों के माध्यम से भारत 2030 के सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति को प्राप्त कर सकें।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि पर्यावरण संरक्षण एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए पर्यावरण शोध का विषय नहीं बने बल्कि प्रगतिशील कार्यक्षेत्र का विषय बने। उन्होंने जल, जमीन, जंगल, जानवर के संरक्षण को जीवन का आधार बनाने पर बल दिया। इसके अलावा उन्होंने मत्स्य पालन खाद्यान्न आपूर्ति के लिए कितनी आवश्यक है इस बात पर भी चर्चा करते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की पूरी ऑर्गेनाइजिंग टीम द्वारा किए गए कार्य की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रमुख शोधकर्ता को अपने कर कमलों द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जिसमें प्रथम स्थान चारू गुप्ता एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, दूसरा स्थान विजय कुमार वर्मा डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी दिल्ली विश्वविद्यालय, जेनी के जॉन आईसीएआर एवं रजनी शोभित विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया गया है सेशन चेयरपर्सन का अवार्ड शुभम शर्मा एवं मोनिका चौधरी ने प्राप्त किया बेस्ट पोस्टर का अवार्ड अफीफा अतीक शोभित विश्वविद्यालय द्वारा हासिल किया गया इसके अलावा रुचिका, प्रथमा एवं कोमल बैंजो हिरानी ने अवार्ड प्राप्त किया।
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान देने के लिए कांफ्रेंस के ऑर्गेनाइजर एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र के कर कमलों द्वारा शिक्षकों एवं शोध छात्रों को सम्मानित किया गया। जिसमें बेस्ट पीजी थिसिस अवॉर्ड ऋषभ शुक्ला, एक्सीलेंट अकैडमिशियन अवार्ड डॉ अंशु चौधरी, डॉ अभिषेक डबास को यंग लीडरशिप अवॉर्ड, नेहा यजुर्वेदी को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड, डॉ नेहा वशिष्ट को एक्सीलेंट अकैडमी अवॉर्ड, देवयानी गर्ग को यंग रिसर्च अवॉर्ड, डॉ प्रीति गर्ग को एक्सीलेंट रिसर्च अवॉर्ड, डॉक्टर पूनम सैनी को डिस्टिक गुड टीचर अवार्ड इन बायोलॉजी, शिखा शर्मा को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड, डॉ ऋषि को एक्सीलेंट थीसिस अवार्ड, डॉ पायल को डिस्टिंग्विश्ड टीचर अवार्ड, डॉक्टर आर्य को एक्सीलेंट रिसर्च अवॉर्ड, अभिनव पाठक को यंग रिसर्च अवॉर्ड, डॉ नेहा बिष्ट को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड, महक बत्रा,नेहा रानी, गार्गी चौधरी को यंग रिसर्च अवॉर्ड, डॉक्टर मनमोहन पूनिया को एक्सीलेंट इन्नोवेटिव साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में समापन समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ गणेश भारद्वाज द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के डीन, निदेशक, शिक्षकों एवं छात्रों का विशेष सहयोग रहा।
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