फर्जी समिति में पीएम को ही बना दिया सदस्य
 धोखेबाज की जमानत खारिज
 पीएमओ के निर्देश पर दबोचा गया था आरोपी


मुजफ्फरनगर।

मुजफ्फरनगर में फर्जी भ्रष्टाचार निरोधक समिति का गठन कर उसमें प्रधानमंत्री को ही पदेन सदस्य बनाने वाले धोखेबाज की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। आरोपित के विरुद्ध पीएमओ के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन साक्ष्य न मिलने पर एफआर लगा दी गई थी। पुनर्विवेचना की अर्जी दिये जाने के बाद क्राइम ब्रांच आरोपित को बी वारंट पर देवबंद जेल से लेकर आई थी। कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ईश्वर चंद त्यागी ने बताया कि उन्होंने उनके मुवक्किल ईश्वर चंद शर्मा की और से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने बताया कि जमानत अर्जी पर एडीजे-11 शाकिर हसन ने सुनवाई की। उन्होंने बताया कि सुनवाई उपरांत कोर्ट ने ईश्वर चंद शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
गौरतलब है कि ईश्वर चंद शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने अपने आप को थाना सिविल लाइन क्षेत्र इन्द्रा कालोनी निवासी बताते हुए अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक समिति का गठन कर प्रधानमंत्री को उसका पदेन सदस्य दर्शाते हुए पत्र लिखा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय सहित देश की गोपनीय एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। जिसके उपरांत 2019 में थाना सिविल लाइन में पीएमओ के निर्देश के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी समय पाल अत्री ने धोखाधड़ी सहित कई संगीन धाराओं में आरोपित के विरुद्ध मुकदमा कायम किया था।
आरोपित ईश्वर चंद शर्मा ने सहारनपुर जनपद के कस्बा देवबंद के समीप स्थित गांव सलौनी पीर माजरा में दिसंबर 2021 को अपने आप को मजिस्ट्रेट बताते हुए उत्तराखंड पुलिस को बुलाया था। जिसके बाद आरोपित ने उत्तराखंड पुलिस के एसआई तथा कांस्टेबल को गांव में एक कमरे में बंधक बना लिया था। थाना देवबंद पुलिस की सहायता से उत्तराखंड पुलिस को बंधनमुक्त कराया गया था।
देवबंद कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रभाकर कैंतुरा ने आरोपित के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की थी। जिसे देवबंद उपकारागार भेज दिया गया था।
साक्ष्य के अभाव में लगी थी एफआर
थाना सिविल लाइन में पीएमओ के निर्देश पर दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच एसएसपी ने क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी। मुकदमे की विवेचना के दौरान एक के बाद एक 4 विवेचक बदले गए। क्राइम ब्रांच के पांचवे विवेचक अखिलेश कुमार ने भी साक्ष्य के अभाव की बात कहते हुए कोर्ट में एफआर लगा दी थी, जिसके उपरांत क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पुनर्विवेचना की गुहार लगाई । क्राइम ब्रांच बी वारंट पर आरोपित ईश्वर चंद शर्मा को देवबंद जेल से लेकर आई थी।


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