सुभारती विश्वविद्यालय में आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया गया

मेरठ । सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया गया। इस दिवस को मनाने के पीछे का कारण यह है कि तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के बाद ही आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का फैसला किया गया है। दुनिया आज जिन समस्याओं का सामना कर रही है। आतंकवाद उसमें सबसे बड़ी समस्या है। 

इस अवसर पर सुभारती विधि संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि आतंकवाद हिंसा का एक ऐसा गैर कानूनी तरीका है, जो लोगों को डराने के लिए प्रयोग किया जाता है। लोगों तथा सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाने के लिए कोई भी गैर कानूनी तरीका अपना लेते है। कई बार आतंकवादी अपने वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी हथियार उठा लेते है। आतंकवादियों के पास कोई नियम और कोई कानून नही होते। ये लोग समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन करने के लिए केवल हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते है। देश-विदेश में बढ़ते आतंकवाद को देखते हुए तथा इस बढ़ते आतंकवाद को रोकने के लिए और लोगो को आतंकवाद से निडर होकर उसका सामना करने की जागरूकता फैलने के लिए यह दिवस आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आतंकवाद विरोधी दिवस के दिन भारत सरकार द्वारा आतंकवाद से पीड़ित व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। आतंकवाद विरोधी दिवस बनाने का उद्धेश्य देश को सभी वर्गों को लोगों में आतंकवाद के खतरें तथा समाज पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना है। आतंकवाद के कारण हजारो लोगों को दुनिया में नुकसान उठाना पड़ा है। आतंकवाद के कारण देश के अर्थव्यवस्था में भी गिरावट आ जाती है। इस दिवस के माध्यम से आने वाले कल में युवाओं को उचित शिक्षा देकर आतंकवाद को खत्म कराने का लक्ष्य पूरा करना है। 

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) रीना बिश्नोई, डॉ. सारिका त्यागी, डॉ. प्रेमचन्द्र, डॉ. आशुतोष गर्ग, आफरीन अल्मास, विकास त्यागी, शालिनी गोयल, एना सिसोदिया तथा अंजुम जहां आदि उपस्थित रहें। 


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