गर्भवती और धात्री महिलाओं को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है : सीएमओ


-          मई माह में गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण के लिए चलेगा अभियान

-          सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जानकारी के साथ ही आयरन और फोलिक एसिड की गोली मिलेगी

 

हापुड़, 28 अप्रैल, 2022। बेहतर स्वास्थ्य सबका हक है। हर मां चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ और सेहतमंद हो। लेकिन उसे अपना यह सपना पूरा करने के लिए पहले खुद सेहतमंद होना होगा। इसके लिए जरूरी है कि गर्भकाल में मां को पूरा पोषण मिले। लेकिनराष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर प्रदेश में केवल 22.3 प्रतिशत गर्भवती 100 दिन आयरन और फोलिक एसिड की गोली खाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति ज्यादा खराब हैजहां केवल 20.2 प्रतिशत गर्भवती 100 दिन तक आयरन और फोलिक एसिड लेती हैं। शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा 29.8 प्रतिशत है। 

यहां यह भी बताना जरूरी होगा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे - 4 के मुताबिक 100 दिन तक आयरन और फोलिक एसिड लेने वाली गर्भवती सूबे में केवल 12.9 फीसदी ही थींयानि स्थिति में सुधार तो आया हैलेकिन अ‌भी और सुधार की जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा . रेखा शर्मा ने बताया इसी को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग एक से 31 मई तक गर्भवती और धात्री महिलाओं को न केवल आयरनकैल्शियमफोलिक एसिड और एलबेंडाजॉल की गोली उपलब्ध कराएगा बल्कि स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जानकारी भी देगा। उन्होंने बताया - गर्भवती और धात्री महिलाओं को विशेष पोषण की जरूरत होती हैक्योंकि इस दौरान शिशु को मां से ही पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। अभियान के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले से अभियान की शुरुआत की जाएगी।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया मई माह के दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को आयरनकैल्शियमफोलिक एसिड और एलबेंडाजॉल की गोली उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा एलबेंडाजॉल की गोली पेट के कीड़े निकालने के लिए खिलाई जाती है। दरअसल गर्भवती के पेट में कीड़े होने पर गर्भ में पल रहे शिशु तक पोषण नहीं पहुंच पाता। एनीमिक गर्भवती और धात्री महिलाओं की पोषण को लेकर काउंसलिंग भी की जाएगी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-के मुताबिक जनपद में 100 दिन तक आयरन और फोलिक एसिड की गोली लेने वाली गर्भवती 29 प्रतिशत हैं । सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 45.9 प्रतिशत गर्भवती एनीमिक हैंजबकि 2015-16 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में यह आंकड़ा 51 प्रतिशत था। जनपद हापुड़ की बात करें तो एनएफएचएस-के मुताबिक 30.8 प्रतिशत गर्भवती एनीमिक हैं।

डा. प्रवीण शर्मा ने बताया अभियान में प्रत्येक गर्भवती और धात्री महिला तक आयरनकैल्शियमफोलिक एसिड और एलबेंडाजॉल की गोली की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य इकाइयोंओपीडीआईपीडीग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस और हर रविवार को लगने वाले मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के माध्यम से गोलियां उपलब्ध कराई जाएंगी।  एनीमिक गर्भवती और धात्री के मामले में आशा गृह भ्रमण के दौरान फालोअप भी करेंगी।

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