आत्मिक ऊर्जा का स्रोत है अध्यात्मः संतोष अग्रवाल
 श्रीअरविंद अध्ययन केंद्र की विचार गोष्ठी

वाराणसी (शोभा प्रजापति)। श्री अग्रवाल श्रीअग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज वाराणसी के श्रीअरविंद अध्ययन केंद्र की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी अध्यात्म अपनी अपनी नजर में पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
श्रीकाशी अग्रवाल समाज वाराणासी के नव निर्वाचित सभापति संतोष कुमार अग्रवाल ने कहा कि अध्यात्म आत्मबल और आत्मिक ऊर्जा का स्रोत है। महाविद्यालय की नवनिर्वाचित प्रबंधक डॉ. मधु अग्रवाल ने कहा कि उनकी नजर में अध्यात्म हमारी आंतरिक शक्ति का स्रोत है, जिसके द्वारा हम अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
सह प्रबंधक डॉ. रूबी शाह ने कहा कि अध्यात्म आत्मा की शुद्धता का नाम है। आमोद अग्रवाल ने आत्म विकास, सलिल अग्रवाल ने परमात्मा से मिलन तो अरविन्द सिकरिया ने आत्म शुद्धता बताया।
महाविद्यालय की प्राचार्य और श्रीअरविंद अध्ययन केन्द्र की समन्वयक प्रो. मिथिलेश सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए अध्यात्म को कई दृष्टिकोण से सभी के समक्ष रखा। महाविद्यालय की छात्रा कल्याण अधिष्ठाता डॉ. सुमन मिश्रा ने अध्यात्म को आत्म सम्मान से जोड़ा तो अधिष्ठाता (प्रशासन) डॉ. ओपी चौधरी  ने स्वयं की दृष्टि में आत्मानुशासन व कर्तव्य निष्ठा को ही अध्यात्म का मूल भाव बताया। समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. आभा सक्सेना ने अध्यात्म को आत्मा को परमात्मा तक पहुंचने का माध्यम माना ।
महाविद्यालय की शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ. कुमुद सिंह ने कहा कि उनकी नजर में अध्यात्म समानुभूति है। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय के विभिन्न विषयों के प्रवक्ताओं डॉ. पूनम श्रीवास्तव, डॉ. प्रियंका, डॉ. धनंजय सहाय, डॉ. सुषमा पांडेय, डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. विभा सिंह, डॉ. दिव्या राय, डॉ. शालिनी आदि ने इस विचार गोष्ठी में अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन केंद्र की सह समन्वयक डॉ. प्रिया भारतीय एवं ध्यान व धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र की दूसरी सह समन्वयक लेफ्टिनेंट डॉ उषा बालचंदानी ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने महाराज श्री अग्रसेन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा परिसर का भ्रमण कर निरीक्षण किया।

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