पांचली के गौ रक्षक हत्याकांड में आया नया मोड़

मृतक के भाई ने गलत कराई थी नामजदगी

होश में आए चौकीदार ने की सच्चाई की बयां  


सरधना (मेरठ) थाना सरूरपुर क्षेत्र के पांचली बुजुर्ग के गौ रक्षक हत्याकांड में हमले में घायल हुए चौकीदार के होश में आने के बाद पूरे मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है। होश में आए चौकीदार ने शुक्रवार को अपने बयान कलमबंद कराते हुए नामजदों से अलग छह अन्य हमलावरों के नाम साफ तौर पर बता दिये हैं। जिसके चलते इस मामले में  पुलिस ने अब पीड़ित के बयान के आधार पर कार्रवाई करते हुए दो नए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि चार अन्य आरोपी अभी फरार हैं। 

पांचली बुजुर्ग की गौशाला पर आधा दर्जन से अधिक हमलावरों द्वारा बुधवार की देर रात किए गए हमले में गौ रक्षक नेत्रपाल की गोली मारकर हत्या किए जाने और दूसरे चौकीदार हारुन पुत्र ताजू के गंभीर घायल होने के मामले में  गुरुवार को मृतक के भाई भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष चरण सिंह उर्फ चरणी ने गांव के ही 6 लोगों सुमित पुत्र नरेश, संजीव उर्फ जाली पुत्र महावीर निवासी गांव बपारसी थाना सरधना व गांव पांचली बुजुर्ग निवासी दीनू पुत्र अली मोहम्मद,सद्दाम पुत्र अब्बास जीशान पुत्र यामीन व इसरार पुत्र मोमिन को नामजद कराते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी । इनमें से पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दीनू को छोड़कर बाकी 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था। जिन्हें गिरफ्तारी के बाद सरधना थाने पर रखा गया था और उनसे पूछताछ चल रही थी। लेकिन शुक्रवार को घायल चौकीदार हारून के होश में आने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। जहां घायल चौकीदार हारून ने होश में आने के बाद शुक्रवार को अपने दिए  बयान में नामजदों से अलग छह अन्य उन हमलावरों के नाम बताए जिन्होंने मौके पर जाकर हमला किया था,हमले के चश्मदीद और मौत से मुंह से वापस लौटे हारून ने जिन छह आरोपियों के नाम बताए हैं उनमें  इसरार पुत्र इलियास मुस्तकीम पुत्र शहीदों इस्तकार पुत्र शौकीन गुलजार पुत्र उस्मान, मुजम्मिल रमेश पुत्र विजय हैं। इनमें से पुलिस ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया जबकि गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पांच नामजदों को शुक्रवार को पुलिस अफसरों के आदेश पर एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानती के तौर पर थाने से ही जमानत देकर रिहा कर दिया । इसके अलावा शुक्रवार को हारून द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों के आधार पर गिरफ्तार किए गए दोनों अन्य आरोपियों को भी एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानती के आधार पर थाने से ही जमानत दे दी गई। पुलिस ने यह शर्त रखी है कि वे लोग जांच में सहयोग करेंगे और समय पर हाजिर होंगे। हालांकि बयान के आधार पर जिन चार लोगों के नाम शुक्रवार को पीड़ित ने लिए हैं उनमें से  अभी गिरफ्तार होना बाकी है। इस तरह से पूरी कहानी में पीड़ित के बयान के आधार पर यह साफ हो जाएगा कि मृतक के भाई ने झूठी और गलत नामजद की दर्ज कराई थी। पीड़ित हारून में होश में आने के बाद सच्चाई बयां की और पूरा मामला उलट कर दिया इसे लेकर खुद मृतक नेत्रपाल का भाई चरण सिंह ही कटघरे में खड़ा हो गया है। इस संबंध में थाना अध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बयानों के आधार पर जांच की जा रही है और अफसरों के आदेश पर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

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