भारतीय संचार प्रणाली में छाऊ संप्रेक्षण का प्रभावशाली माध्यम:- डॉ विक्रांत किशोर

. छाऊ नृत्य यौद्धाओं द्वारा अपनी दक्षता की अभिव्यक्ति करना है
. दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ उदघाटन  

मेरठ। प्राचीन भारतीय संचार प्रणाली में लोकगीत एवं लोकनृत्यों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अपने शब्दों, लोक संगीत तथा हाव भाव के माध्यम से अपनी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के द्वारा लोगों को आकर्षित करने में ये भाव.भंगीकाएं हमेशा प्रभावकारी थी, इन्हीं लोक नाटयों की शैली में छाऊ नृत्य भी प्रभावी थे। भारत की अन्य नृत्य विधाओं से अलग हटकर छाऊ नृत्य ओजस्विता व शक्ति से परिपूर्ण हैं। नर्तक का पूरा शरीर व सम्पूर्ण व्यक्तित्व उसकी भाषा के रूप में एक एकल इकाई में लगाया जाता है। शरीर की यह भाषा अत्यन्त काव्यात्मक व सशक्त होती है।  यह बात मुख्य वक्ता विक्रांत किशोर, निदेशक डिपार्टमेंट ऑफ मीडिया एंड मॉस कम्यूनिकेशन डेकिन विवि मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया ने प्राचीन भारतीय संचार विधि और समकालीन संचार परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता के विषय पर तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के उदघाटन सत्र में कही।
विक्रांत किशोर ने कहा कि छाऊ नृत्य सैन्य दक्षता का प्रदर्शन भावना, संगीत अभिव्यक्ति का मिश्रण है। महिषासुर, मृदनी नृत्य में सूत्रधार की भूमिका एक कुशल संचारक की होती है। कई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में हिन्दू दर्शनशास्त्र पर शोध के साथ.साथ भावए रस आदि पर शोध कार्य किए जा रहे हैं। मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नाटक को भारतीय दर्शन में काव्य कहा जाता है। काव्य में साहित्य और समाज का समावेश होता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी के साथ.साथ संचारी प्राणी है। जिज्ञासा मानव का मूल स्वभाव है। पारंपरिक भाषा और मूल भाषा का समावेश इस तरीके से पत्रकारिता की  के सांचे में उपयुक्त होना चाहिए कि वह सूचना संप्रेषण तकनीक पर ही आधारित नहीं होता। उन्होंने कहाकि  प्राचीन भारत में देखने को मिलता है, महाभारत काल में सूचना का सही संप्रेषण आज के तकनीकी युग में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।विशिष्ट अतिथि कला संकाय अध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहानी ने कहा कि इस प्रकार के वेबिनारों से छात्रों को बहुत लाभ होता है। बहुत सी नई जानकारियों से रूवरू होते हैं। प्रो.प्रशांत कुमार निदेशक तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल ने सभी का स्वागत किया।

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