सभ्यता का बोध कराती है हमारी संस्कृतिः डा.एनके तनेजा
- अधिवक्ता परिषद उ. प्र. की मेरठ इकाई का नव संवत्सर समारोहमेरठ।
अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश की मेरठ इकाई की ओर से नव संवत्सर समारोह उत्साह के साथ मनया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने नवसंवत्सर और भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डाला।
जिला बार एसोसिएशन के महात्मा गांधी सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता पूर्व कुलपति डॉ. नरेंद्र कुमार तनेजा ने बहुत ही सीधे व सरल शब्दों में नवसंवत्सर के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि काल चक्र के परिवर्तन के द्वारा भारतीय परिवेश में हर्ष, उमंग व उल्लास का अनुभव होता है। इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की और राजा विक्रमादित्य के काल में हिन्दू पंचांग को भारतीय वैज्ञानिकों ने गणना के आधार पर वर्तमान कालांतर (कैलेंडर) को तैयार किया। नवसंवत्सर पाश्चात्य नववर्ष से 57 वर्ष आगे रहता है। इसी समय फसल पककर तैयार होती है और पेड़ों पर नए नए पत्ते आने लगते है जो नव सृजन के ध्योतक हैं। हमारी तकनीक व कार्यशैली आरम्भ से ही अत्यंत प्रभावशाली रही है।
उन्होंने कहा कि इस उत्सव को भारत के अलग अलग क्षेत्र में गुड़ी पड़वा व चेटी चंद त्यौहार आदि के रूप में मनाया जाता है। इस भारतीय संस्कृति की विशालता को वर्तमान शिक्षा पद्धति में कभी पढ़ाया ही नहीं गया जोकि हमारी सभ्यता का बोध कराती है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि नरोत्तम गर्ग ने अधिवक्ता परिषद के द्वारा संचालित आयामों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार यह समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने का कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता नरोत्तम कुमार गर्ग, मुख्य वक्ता पूर्व कुलपति नरेंद्र कुमार तनेजा, मेरठ इकाई के अध्यक्ष प्रमोद कुमार त्यागी व महामंत्री डॉक्टर पराग गर्ग, जिला बार के अध्यक्ष विक्रम सिंह तोमर, महामंत्री प्रवीण सुधार ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रवज्जवलन कर कार्यक्रम का आरंभ किया।
वंदेमतरम् का गायन वंदना सिंह, आरती बंसल, वैशाली, सुरभि ने किया।
कार्यक्रम का संचालन शुचि शर्मा ने किया तथा अंत में मेरठ इकाई के अध्यक्ष प्रमोद कुमार त्यागी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में अमित धामा, झम्मन वर्मा, सुभाष दत्त शर्मा, सचिन राणा, यशपाल सिंह, आशीष चौरसिया, विशाल राणा, भूपेन्द्र, पदम सिंह, संदीप सिंह, पूनम वशिष्ठ, पुष्पेंद्र, सतीश चौधरी आदि सैंकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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