ट्यूबलर कुलीन टेस्ट से पता लगेगा गुप्त टीबी का
जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल्द होगी शुरुआत
संभावित मरीजों की जांच के बाद हो सकेगी पुष्टि
सटीक जांच के बाद मिलेगा समय से इलाज
मेरठ। जनपद में अब ट्यूबलर कुलीन टेस्ट से गुप्त टीबी का पता लग सकेगा। जिले में इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की जाएगी। इसके बाद जिला क्षय रोग विभाग द्वारा मरीजों को इसकी निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। स्किन के जरिए होने वाले इस टेस्ट से मरीजों में टीबी की सटीक जांच हो सकेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने बताया- इस टेस्ट में संभावित मरीज को ट्यूबलर कुलीन का इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके जरिए ट्यूबलर कुलीन नामक प्रोटीन शरीर के अंदर चला जाता है। 48 से 72 घंटे के बीच त्वचा पर इसके असर की जांच होती है। अगर व्यक्ति को टीबीहोती है तो इसकासंकेत मरीज की त्वचा पर दिखाई देता है। इसमें त्वचा के आकार,उभार, कठोरपनऔर सूजन आदि के लक्षण नजर आते हैं। इसके साथ ही दूसरी जांच भी कराई जातीहै। उन्होंने बताया- टीबी की बीमारी पता लगाने के लिये विभाग की ओर से कई प्रकार से जांच करायी जा रही है। ट्यूबलर कुलीन टेस्ट से संभावित मरीजों में टीबी की जांच करने का फायदा मिलेगा, जिससे समय से उनका उपचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा- टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर और पूरा उपचार कराने पर टीबी से छुटकारा मिल जाताहै। टीबी को छिपाए नहीं उसका उपचार करा कर देश को टीबी मुक्त बनाने में योगदान दें।सरकार कीओर से टीबी का निशुल्क उपचार किया जाता है, इसके साथ ही सरकार कीओर से निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह भी दिए जाते हैं, यह राशि इलाज चलने तक मरीज के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
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