भारत के लोगों को कश्मीर इश्यू को जानना बहुत महत्वपूर्ण है -  संजीव त्रिपाठी

मेरठ-शोभित विश्वविद्यालय  के स्कूल ऑफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज विभाग द्वारा सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस के तत्वाधान में एक सिंपोजियम का आयोजन किया गया। सिंपोजियम का विषय नीड टू काउंटर फॉल्स पाक नैरेटिव ऑन कश्मीर इश्यू थाl कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष मुख्य अतिथि तथा विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। 

     कार्यक्रम के आरंभ में विधि विभाग के निदेशक डॉ मोहम्मद इमरान ने स्वागत भाषण देते हुए समस्त अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि विधि विभाग का सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस एक थिंक टैंक की तरह काम कर रहा है। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा इस तरह के ज्वलंत मुद्दों पर परिचर्चा होना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में  संजीव त्रिपाठी फॉर्मर चीफ रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) तथा पूर्व आईपीएस रहे। मुख्य वक्ता ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि भारत की जनता को सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि वास्तव में कश्मीर इश्यू है क्या? उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है तथा वर्तमान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने 1947 के इंडिपेंडेंस एक्ट का हवाला देते हुए भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि किस प्रकार पाकिस्तान ने यूएन द्वारा यूएन समझौते को ना मानकर उसका उल्लंघन किया है।  त्रिपाठी जी ने कहा कि भारत की जनता को कश्मीर के इश्यू को एक बॉर्डर डिस्प्यूट की तरह देखना चाहिए तथा उनको यह जानकारी होना अति आवश्यक है कि वास्तव में कश्मीर इश्यू किया है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर इश्यू को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाना चाहिए ताकि एक साधारण विचारधारा लोगों के बीच आए कि कश्मीर हमारा इंटरनल इश्यू है इसमें पाकिस्तान जैसे देश को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। कश्मीरी इश्यू पर पाकिस्तान पहले से ही यूएन समझौते को ना मानकर अपना परिचय दे चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज भी अनुच्छेद 370 के हटने का विरोध  कर रहा है तथा कश्मीर के लोगों के प्रति अपनी झूठी सहानुभूति दिखाकर वहां के लोगों में एक भ्रम पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर इश्यू पर बातचीत की आवश्यकता है तथा इस मामले को बातचीत के द्वारा सुलझाया जा सकता है।  संजीव त्रिपाठी ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों से आवाहन किया की विधि के छात्र होने के नाते उन्हें कश्मीर इश्यू से संबंधित विधिक चीजें मालूम होनी चाहिए। उन्होंने अपने अभिभाषण में एक राष्ट्र एक चुनाव के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में एक चुनाव की प्रक्रिया लागू होनी चाहिए उन्होंने अपने अभिभाषण के दौरान एलओसी एवं एलएसी पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों से सीधा संवाद किया और छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों का बहुत ही सही तरीके से जवाब भी दिया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा की शोभित विश्वविद्यालय का विधि विभाग इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर छात्रों को एक नई दिशा देने का काम कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा ज्ञानार्जन नामक सीरीज जिसमें विधि व्यवसाय एवं विधिक सेवाओं से जुड़े लोगों के व्याख्यान की एक श्रृंखला के रूप में शुरुआत की है की सराहना की। कार्यक्रम की श्रंखला में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजय राणा ने अपने अभिभाषण में श्री संजीव त्रिपाठी जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समस्त विधि विभाग के शिक्षकों एवं विधि विभाग द्वारा संचालित सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस को इस तरह के सिंपोजियम कराने हेतु बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण मौका है कि वह इस तरह की पर्सनैलिटी के साथ रूबरू हो। और छात्र-छात्राएं श्री संजीव त्रिपाठी के जीवन से सीख ले कर उनकी तरह मेहनत से आगे बढ़ने की दिशा में काम करें। किसी भी शिक्षा के मंदिर का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास के साथ साथ देश का विकास करना भी है। उन्होंने समस्त छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वह पढ़ लिख कर देश को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंl विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा मुख्य अतिथि को सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गयाl कार्यक्रम के अंत में इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ परंताप कुमार दास ने समस्त अतिथि गणों का आभार प्रकट कियाl कार्यक्रम का संचालन विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के प्रेस प्रवक्ता डॉ अभिषेक डबास एवं विधि विभाग के शिक्षक डॉ कुलदीप कुमार, महक बत्रा, नेहा भारती, श्वेता जिंदल, जतिका कथूरिया, पल्लवी जैन, पवन कुमार एवं समस्त छात्र छात्राओं का विशेष योगदान रहा। प्रोफेसर अमर प्रकाश गर्ग डीन रिसर्च शोभित विश्वविद्यालय मेरठ एवं समस्त विभागों के निदेशक एवं शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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