यूपी में नए लकड़ी आधारित उद्योगों का मामला
- सुप्रीम कोर्ट का एनजीटी के आदेश पर रोक से इनकार
नई दिल्ली (एजेंसी)।सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश में नए लकड़ी आधारित उद्योगों, आरा मिलों की स्थापना के संबंध में 1 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश के नोटिस को रद्द कर दिया गया था।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि हमने वकील को सुना है और हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगाने की जरूरत है। प्रथम दृष्टया हम ट्रिब्यूनल से सहमत हैं कि नए लकड़ी आधारित उद्योगों को अनुमति देने से पहले राज्य द्वारा डेटा एकत्र किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि सभी पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा। हालांकि, अदालत ने कहा कि राज्य सरकार नए लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस देने का निर्णय लेने से पहले मूल्यांकन करने के लिए आईपीआईआरटीआई, बेंगलुरु से उनके अनुरोध को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि पक्षकारों के वकील सहमत तो इसे ग्रीष्म अवकाश के दौरान अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है अन्यथा अपील अगस्त 2022 में सूचीबद्ध की जा सकती है। शीर्ष अदालत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ने 1 मार्च 2019 को एक नोटिस द्वारा 1350 नए लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस देने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के नोटिस को जनहित में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष एक आवेदन दाखिल करके संवित फाउंडेशन, उदय एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और यू.पी. टिम्बर एसोसिएशन द्वारा चुनौती दी गई थी।

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