फेकल्टी डेवलेपमेंट डेवलपमेंट में विशेषज्ञों ने शोध विधियों भ्रान्तियों को किया दूर 

मेरठ।चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के काशीराम शोध पीठ एवं इंडियन इकॉनामिक एसोसिएशन के सौजन्य से सामाजिक एवं मानविकी विज्ञान में शोध प्रविधि एवं समंक विश्लेषण तकनीक विषय पर आयोजित 14 दिवसीय फेकल्टी डेवल्पमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन प्रथम सत्र के रिसोर्स पर्सन कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. अशोक चौहान ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए सामाजिक विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के सन्दर्भ में नवीनतम शोध विधियों की उदाहरण सहित व्याख्या करते हुए उनके व्यावहारिक पक्ष को तथा सैद्धान्तिक पक्ष को स्पष्ट किया। 

      उन्होंनेे आंकडों के प्रयोग से पहले आंकड़ों की गुणवत्ता, वैज्ञानिकता, प्रकार तथा अन्य आयामों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान समय में शोधकर्ताओं के समक्ष शोध विधियों सम्बन्धी विभिन्न भ्रन्तियों को दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने विभिन्न सॉफटवेयर के उचित उपयोग का विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान दोनों की दृष्टि से अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होंने शोध में सहसम्बन्ध, प्रतीपगमन, जेड टेस्ट, काई स्कावयर टेस्ट, अनोवा, मनोवा, कालश्रेणी आदि विधियों के महत्व पर चर्चा करते हुए उनके उपयोग पर भी प्रकाश डाला।

 द्वितीय सत्र में, एफडीपी की आवश्यकता को पूरा करते हुए महिलाओं से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर वैधानिक चर्चा करते हुए हरियाणा इंसटीटयूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्टेशन की डॉ. मनवीन कौर ने विषय पर पहले तो विभिन्न पहलुओं को प्रतिभागियों से चर्चा करते हुए समझा और उसके पश्चात् इन समस्याओं के वैधानिक पक्ष को स्पष्ट किया। उन्होंने पीपीटी तथा कुछ फिल्मों के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न वैधानिक प्रावधानों को स्पष्ट किया। सभी प्रतिभागियों ने ना सिर्फ अत्यन्त रूचिपूर्वक इस सम्बोधन को सुना बल्कि विशेष लाभ भी प्राप्त किया। प्रथम व द्वितीय सत्र में डॉ. स्वर्णा सिंह, इस्माईल नेशनल महिला पी.जी. कॉलिज, तथा दिव्या शर्मा ने रिसोर्स पर्सन का स्वागत तथा आभार प्रस्तुत किया।

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