होली के दिन सब ,
एक दूजे के रंग में रंग जाते हैं।
दोस्तों की क्या बात करें,
दुश्मन भी गले लग जाते हैं।
होली के रंगों में,
धरती क्या अंबर भी रंग जाते हैं।
जब उड़े रंग अबीर गुलाल,
तन तो क्या मन भी रंग जाते हैं होली के दिन......
मिट जाती हैं दिलों की दूरियां
जब प्रेम के रंग में सब रंग जाते हैं।
खाकर गुंजिया पीकर भंग
सब मस्त मलंग हो जाते हैं।
होली के दिन.......
ना होती रंगों की कोई जात है,
ये तो सौगात खुशियों की लाते हैं।होली के पर्व पर प्यार,
दुलार और समर्पण के फूल खिल जाते हैं।
होली के दिन......
स्वरचित पूजा चौधरी
अद्भुत रचना
ReplyDeleteHappy holi