एक अप्रैल से टोल चुकाकर किया जा सकेगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का सफर
मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर फ्री सफर अब खत्म होने जा रहा है। इस पर रोजाना चलने वाले करीब 30 हजार वाहन चालकों को एक अप्रैल से टोल चुकाना पड़ेगा। इसके लिए के एनएचएआई के प्रस्ताव को सड़क ने परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। फिलहाल दिल्ली से डासना तक सफर करने पर टोल नहीं देना होगा। मेरठ से दिल्ली तक जाएंगे तो पूरे मार्ग का टोल चुकाना पड़ेगा। 
  सराय काले खां से मेरठ स्थित काशी टोल प्लाजा तक की दरें एनएचएआई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बीते साल ही तय कर चुका था। अब इन दरों में 10 से 15 फीसदी टो की बढ़ोतरी की जाएगी। मेरठ से सराय काले खां तक करीब 155 रुपये लगेंगे। सराय काले खां से डासना के बीच टोल बूथ नहीं बनाए गए हैं। यहां ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर के जरिये फास्ट टैग से शुल्क कट जाएगा। डासना से काशी टोल प्लाजा तक टोल वसूली के लिए बूथ बनाए गए हैं।
   एनएचएआई ने मेरठ से दिल्ली के बीच पूरे मार्ग पर टोल लगाने का फैसला किया है। दिल्ली से डासना के बीच चिपियाना रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अधूरा होने की वजह से छूट दी गई है। दिल्ली से अगर कोई वाहन डासना तक आएगा तो उसे टोल नहीं देना होगा। यह वाहन दिल्ली से चलकर अगर मेरठ तक जाएगा तो फिर यह रियायत खत्म हो जाएगी और उसे पूरे मार्ग का टोल देना होगा।
   एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि एक अप्रैल की सुबह आठ बजे से टोल वसूली शुरू हो जाएगी। वाहन चालक जितने किलोमीटर इस एक्सप्रेसवे पर सफर करेंगे, उतना ही टोल देना पड़ेगा। ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) के जरिये फास्ट टैग से शुल्क कट जाएगा।

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