हाईकोर्ट ने सरकार से माँगा जबाब 
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने दाखिल की है याचिका

भदोही। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 'उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति' के गठन में हो रहे बिलम्ब को लेकर सरकार से जबाब माँगा है। यह निर्देश ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन' के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया गया है। 
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी के तर्क को सुनकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने मनमानी के विरूद्ध सरकार के वकील से समय पर जवाब देने को कहा और दिनांक 17 जनवरी को तारीख सूचीबद्ध किया है।
याचिकाकर्ता का दावा है कि मान्यता समिति के गठन में हो रही देरी के कारण पत्रकारों को भारी नुकसान हो रहा है। पत्रकारों के हित के लिए शासन प्रशासन द्वारा बनी समितियां तय समय पर गठित होनी चाहिए।
शासन के निर्देश के क्रम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 16 जून 2020 को एक पत्र  प्रेस मान्यता समिति के गठन के लिए प्रदेश के पत्रकार संगठनों से सदस्यता के लिए आवेदन मांगा गया था, जिसमें आवेदन की अंतिम तिथि 6 जुलाई 2020 निर्धारित की गई थी। जिसके क्रम में विभिन्न संगठनों के साथ ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने भी अपना दावा प्रस्तुत किया था। 
उपरोक्त के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन ने आल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन को सम्मिलित करने संबंधित पत्र निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को भेजा था, जिसकी एक प्रतिलिपि याचिकाकर्ता को भी भेजा गया। इसके बाद भी काफी दिनों तक उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति का गठन नहीं हो पाया। नतीजतन ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से उपरोक्त समिति गठन करने हेतु मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, निदेशक,  संयुक्त निदेशक को अनेको बार जरिए रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाता रहा। इसके पश्चात भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयीं। मजबूरन ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी।

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