लखनऊ।
मंत्री पद से इस्तीफा देकर चर्चा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद न्यायालय में पेश न होने पर एमपीएमएलए कोर्ट के दंडाधिकारी योगेश यादव ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है। 
दरअसल, एसीजेएम कक्ष संख्या 18 में फाइल सुनवाई के लिए आई तो 12 जनवरी को हाजिर होने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। नियत तिथि पर स्वामी प्रसाद अदालत में हाजिर नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार कर 24 जनवरी को न्यायालय में पेश किए जाने का आदेश दिया गया।
गौरतलब है कि सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने परिवाद दायर कर आरोप लगाया था। कहा था कि एक समाचार पत्र में छपा है बसपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि शादी में देवी देवताओं की पूजा न करें। इससे हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची। साथ ही श्रवण कुमार व तेज बहादुर सिंह का अदालत में बयान कराया गया।
22 नवंबर 2014 को मजिस्ट्रेट ने मौर्य को धार्मिक भावनाएं भड़काने की धारा 295 क आईपीसीसी के तहत तलब करते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया।

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