एटीएल की पारेषण लाइनें 18,500 सीकेटी किमी से अधिक और परिवर्तन क्षमता 38,000 एमवीए से अधिक होगी


सार-संक्षेप 
एटीएल ने टीबीसीबी के माध्यम से सीईआरसी द्वारा विनियमित आईएसटीएस (राज्यांतरिक पारेषण) परियोजना प्राप्त किया  
इस परियोजना में करूर, तमिलनाडु में पुगलूर-पुगलूर (एचवीडीसी) लाइन का लूप इन लूप आउट (एलआईएलओ) और 400 केवी एआईएस सबस्टेशन शामिल है
परियोजना करूर-तिरुपुर क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) की निकासी में मदद करेगी
एटीएल 35 वर्षों की अवधि के लिए पारेषण परियोजना (ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट) का निर्माण, स्वामित्व, परिचालन और रखरखाव करेगा

अहमदाबाद, 24 दिसम्बर 2021: भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की विद्युत पारेषण कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप के हिस्से, अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल), ने करूर ट्रांसमिशन लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए आशय पत्र (एलओआई) हासिल किया है।
एटीएल ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से परियोजना हासिल की और केंद्रीय आरई निकासी परियोजना के लिए एलओआई प्राप्त किया। एटीएल 35 वर्षों की अवधि के लिए तमिलनाडु में पारेषण परियोजना का निर्माण, स्वामित्व, परिचालन और रखरखाव करेगा।
पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड द्वारा निगमित करूर ट्रांसमिशन लिमिटेड परियोजना में मुख्य रूप से निम्नलिखित तत्व शामिल हैं -
2x500 एमवीए, 400/230केवी करूर पूलिंग स्टेशन की स्थापना (करूर पवन ऊर्जा क्षेत्र और तिरुपुर पवन ऊर्जा क्षेत्र के बीच के लोकेशन पर)
करूर पीएस में पुगलूर-पुगलूर (एचवीडीसी) 400 केवी डी/सी लाइन के दोनों सर्किटों का एलआईएलओ
परियोजना के एटीएल द्वारा किए गए निष्पादन से करूर-तिरुपुर क्षेत्र से अक्षय ऊर्जा निकालने में मदद मिलेगी और अनुमानित पूंजीगत व्यय 200 करोड़ रुपये से अधिक होगा।
अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ, श्री अनिल सरदाना ने कहा, “बिजली पारेषण बुनियादी ढांचे का निर्माण करके एटीएल अक्षय ऊर्जा निकासी प्रणाली में अपने योगदान से प्रसन्न है। यह नई परियोजना तमिलनाडु में एटीएल की पहली आईएसटीएस परियोजना होगी, जिससे हम अक्षय ऊर्जा की निकासी के लिए राष्ट्रीय पारेषण बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएंगे। हम प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये अपनी अखिल भारतीय उपस्थिति में तेजी ला रहे हैं और टिकाऊ सर्वोत्तम प्रथाओं के क्षेत्र में उद्योग के मानक स्थापित कर रहे हैं।”
इस परियोजना को हासिल करने के बाद, भारत की सबसे बड़ी परिचालन निजी विद्युत पारेषण कंपनी के रूप में एटीएल की स्थिति मजबूत हुई है और यह स्थिति एटीएल को 2022 तक 20,000 सीकेटी किमी ट्रांसमिशन लाइन स्थापित करने के इसके लक्ष्य के करीब ले जाती है। यह परियोजना कंपनी को 2022 तक ‘सभी के लिए बिजली’ प्राप्त करने की भारत सरकार की इच्दा को पूरा करने में अपना योगदान देगी।

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