सचिवालय कर्मी जीजा भी दबोचा गया
कुछ घंटे पहले ही घोषित हुआ था एक लाख इनाम
वाराणसी।नीट में साल्वर के जरिये अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने वाले गैंग के सरगना पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पीके के साथ उसके जीजा रितेश को भी पकड़ा गया है। रितेश पटना सचिवालय में लिपिक है।
गुरुवार की दोपहर वाराणसी में सारनाथ थाना क्षेत्र के रिंग रोड के पास से पुलिस ने उसे पकड़ा है। पीके की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही पुलिस कमिश्नर ने उस पर इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया था।
वाराणसी में नीट के दौरान बीएचयू की छात्रा के पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद एक-एक कर कई गिरफ्तारियां हुईं और पता चला कि मास्टर माइंड पीके है। इसके बाद पुलिस की टीम पीके की तलाश में बिहार, कर्नाटक, त्रिपुरा तक छापेमारी करती रहीं। पीके के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था।
डॉक्टर की तरह घर से निकलता है
पुलिस के अनुसार पीके के पिता उद्योग विभाग से 1990 में रिटायर हुए और पटना में बस गया। पीके ने करेस्पॉन्डएस कोर्स के जरिए स्नातक की परीक्षा को पटना विश्वविद्यालय से पास किया लेकिन अपने आपको डॉक्टर बताता है। घर से डॉक्टर के वेश में ही निकलता है ताकि लोग इन पर विश्वास कर सके कि डॉक्टर ही है। वह छपरा के एकमा थाना के सेंधवा गांव का मूल निवासी है। पटना के पाटलिपुत्र में मकान बनवाकर रहता था।
नीट के साथ कई परीक्षाओं में साल्वर बैठाता है
पुलिस के अनुसार पीके और इसका गैंग लगभग 5-6 सालों से नीट की परीक्षा में सॉल्वरों को बैठाकर परीक्षा दिला रहे हैं। नीट की परीक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के शिक्षक परीक्षा में व उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साथ-साथ बिहार पुलिस व अन्य सेवाओं में रितेश उर्फ सोनू के साथ मिलकर पेपर आउट कराकर या साल्वर की व्यवस्था कराकर परीक्षा में पास कराते हैं।
पीके का बहनोई है रितेश
पीके के साथ पकड़ा गया रितेश कुमार सिंह पीके का बहनोई है। वह देव नगर न्यू जगन पूरा' पिपरा रोड पोल नम्बर 28 गवर्नमेंट स्कूल के पहले पटना का निवासी है। रितेश उर्फ सोनू बिहार सचिवालय में कार्य करता है। सचिवालय में कला संस्कृति एवं युवा विभाग में उच्च वर्गीय लिपिक के पद पर वर्ष 2004 में नियुक्त हुआ था।
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