स्वागत सामाजिक संस्था ने फल एवं मिष्ठान किये वितरित
हरिद्वार 13 नवंबर शिक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए, 11 नवंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके जन्‍मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। आजाद को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1958 में अंतिम सांस ली। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।संस्था के महासचिव गुल नवाज सिद्दीकी ने कहा है कि यह भारत के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वे स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. उस समय शिक्षा मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय था। स्वागत सामाजिक संस्था की कोषाध्यक्ष  तबस्सुम सिद्दीकी ने कहा है कि 
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के ना केवल अग्रणी नेता थे, बल्कि आज़ादी के बाद देश निर्माण में भी उनका अहम योगदान था। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे मे विस्तार से बताते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के ना केवल अग्रणी नेता थे। बल्कि आज़ादी के बाद देश निर्माण में भी उनका अहम योगदान था। आप एक बेहतरीन लेखक, कवि, इतिहासकार, पत्रकार एवं धार्मिक विद्धान थे। इस अवसर पर सोनू सिद्दीकी हिना भारती काजल महक अनिल, आयुष चौहान, शौकीन सागर सुहेल सिद्दीकी राकेश चौहान आदि उपस्थित रहे। 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts