सुरक्षित गर्भ समापन व एमटीपी एक्ट के बारे में दी जानकारी

मेरठ, 12 नवम्बर 2021। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) सरधना पर साझा प्रयास नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण समाज विकास केंद्र संस्था द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएचसी प्रभारी डा. सचिन कुमार ने आशा-एएनएम को एमटीपी एक्ट, सुरक्षित गर्भ समापन, परिवार नियोजन, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि सुरक्षित गर्भ समापन की सुविधाएं कब, कहां, और किन परिस्थितियों में ली जा सकती है।

इस अवसर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोड़ल अधिकारी डॉ. पूजा शर्मा ने बताया भारत में असुरक्षित गर्भपात की संख्या, सुरक्षित गर्भपात की संख्या से कहीं अधिक है और कुल मातृ मृत्यु दर में इसका योगदान लगभग आठ  प्रतिशत है। उन्होंने बताया असुरक्षित गर्भपात होने पर महिलाओं को लम्बे समय तक जटिलताओं एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि खून की कमी, संक्रमण और बांझपन। महिलाओं की सुरक्षित गर्भपात सेवाओं पर सीमित पहुंच तथा महिलाओं व उनके परिवारों को गर्भपात की कानूनी मान्यता के बारे में जानकारी का अभाव इसके मुख्य कारण हैं। उन्होंने बताया असुरक्षित गर्भपात से होने वाली मातृ मृत्यु को गर्भपात सेवाओं तक बेहतर पहुँच और गुणवत्ता पूर्ण सेवाओं द्वारा रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा साझा प्रयास द्वारा किया जा रहा यह प्रयास महिलाओं में जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है।  इससे महिलाएं सुरक्षित गर्भपात, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, एमटीपी एक्ट के बारे में जागरूक होंगी और महिला मृत्यु दर को कम करने में योगदान मिलेगा।

ब्लाक कम्युनिटी प्रोसिस मैनेजर (बीसीपीएम) इसरार अहमद ने बताया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में गर्भपात के कानून, भारत में स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर गर्भपात सेवाओं तक पहुंच और गर्भपात के बारे में महिलाओं को जानकारी देना है।

ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहर चंद ने कहा महिलाओं को असुरक्षित गर्भपात से बचने के लिए चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।  किसी भी असामान्य परिस्थिति में अपने नजदीकी अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर जाना चाहिए, जहां प्रशिक्षित चिकित्सक के परामर्शानुसार सुरक्षित गर्भ समापन की सेवाएं लेनी चाहिए।


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