घर पहुंचा शहीद जसविंदर सिंह का पार्थिव शरीर
आखिरी दर्शन में रो पड़ा पूरा गांव
अरुण खोसला
कपूरथला। नायब सूबेदार जसविंदर सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को पंजाब के कपूरथला जिले के माना तलवंडी गांव में उनके आवास पर पहुंचा। 11 अक्तूबर को जम्मू और कश्मीर के पुंछ सेक्टर में एक आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान जसविंदर सिंह शहीद हो गए थे। ऑपरेशन में एक जेसीओ और चार अन्य जवान भी शहीद हुए थे। पार्थिव शरीर सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर पहुंचा।
गांव में पार्थिव शरीर पहुंचते ही कोहराम मच गया। सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। भुलत्थ विधायक सुखपाल सिंह खैरा, एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, डीसी दीप्ति उप्पल, एसपी रमणीस चौधरी, डीएसपी भुल्तथ अमरीक सिंह चाहल व अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी गांव में मौजूद हैं।
शहीद की पत्नी राज कौर ने बताया कि उनकी शहादत से एक दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह दो दिन बाद घर आएंगे और 15 दिन की छुट्टी ली थी। उन्होंने बहुत वीरता दिखाई थी इसलिए उन्हें सेना पदक दिया गया। वह चाहते थे कि हमारा बेटा सेना में भर्ती हो।
शहीद की मां मनजीत कौर ने कहा कि वह बहुत अच्छा था और परिवार चलाता था। लेकिन अब मुश्किल होगी। जसविंदर के साथ जिन लोगों की जान गई है, वे भी मेरे बेटे जैसे थे। हमारे पास न तो जमीन है और न ही संपत्ति। हम क्या करेंगे? जब मेरा पोता बड़ा हो जाएगा तो मैं उसे सेना में भर्ती के लिए भेजूंगी।
आखिरी कॉल में कहा था- ठीक ठाक हूं, खुश हूं
शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की दो दिन पहले आखिरी बार फोन पर बड़े भाई राजिंदर सिंह से ही बातचीत हुई थी। पूर्व फौजी भाई ने बताया कि फोन पर जसविंदर ने कहा था कि ‘वह बिल्कुल ठीकठाक है और खुश है...’, पर सोमवार की सुबह साढ़े नौ बजे बजने वाली फोन की घंटी उसकी शहादत का पैगाम लेकर आई। 
विधायक ने की केंद्रीय नौकरी की मांग
विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि केंद्र सरकार को शहीद जसविंदर सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये और एक सदस्य को केंद्रीय नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद की शहादत का मूल्य नहीं चुकाया जा सकता है। राज्य सरकार की 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी शहादत के आगे नाकाफी है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts