- डा. नीना रामचंदानी
डायबिटीज में मरीज का ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों को अपने खानपान और जीवनशैली का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। योग के नियमित अभ्यास से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
आज के समय में डायबिटीज की समस्या आम हो गयी है। आजकल बुजुर्ग ही नहीं, युवा वर्ग भी लोग भी इस समस्या से पीड़ित हैं। डायबिटीज़ के मरीजों को अपने खानपान और जीवनशैली का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। योग के नियमित अभ्यास से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताने जा रहे हैं जिनके अभ्यास से शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।
लाभ - इस आसन के अभ्यास से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है। इससे व्यक्ति को डायबिटीज से लड़ने में आसानी होती है।

सर्वांगासन
इस आसान को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को सीधा पीठ के बगल में रखें, हथेलियां नीचे रहेंगी। अब सांस अंदर लेते हुए अपनी टांगों को सीधे हवा में ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद धीमी गति से टांगों को सिर की तरफ मोड़ें। दोनों कोहनियों को जमीन पर टीकाकार हाथों से कमर को सहारा दें। अब अपनी टांगों को ऊपर की तरफ खींचकर उठाएं। कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स एक सीध में ले आएं। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं।
लाभ - यह शरीर का संपूर्ण व्यायाम है। इसे करने से थॉयराइड और पैराथॉयराइड ग्रंथियों को मजबूती मिलती है और शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस आसन को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने फैलाएं। अपनी रीढ़ को सीधा रखें और अपने हाथों को साइड में रखें। अब अपने बाएं घुटने को मोड़ें और अपने बाएं पैर को क्रॉस्ड लेग पोजीशन की तरह पेल्विक क्षेत्र के पास लाएं। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर को बाएं घुटने के ऊपर ले आएं। आपका दाहिना पैर आपके बाएं घुटने के पास होना चाहिए। अब, अपने ऊपरी शरीर को मोड़ें और अपने बाएं हाथ को अपने दाहिने घुटने के पार ले आएं। आप अपने दाहिने हाथ को अपनी तरफ या अपनी पीठ के पीछे रख सकते हैं। लगभग एक मिनट के लिए इस स्थिति में रहें और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। अब इसे दूसरी तरफ से दोहराएं।
लाभ - यह आसन लिवर व मूत्राशय को सक्रिय बनाता है। इस आसन को करने से इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है जिससे शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

शवासन
ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें और हाथों को बगल में सीधा रखें। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखों को बंद कर लें। सांस को सामान्य ही रखें और अपना पूरा ध्यान अब अपनी सांसों पर केंद्रित करें।
लाभ - यह आसन मन को शांत करता है जिससे सभी ग्रंथियाँ सक्रिय रूप से काम करती हैं। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

धनुरासन
धनुरासन का नियमित अभ्यास से लिवर से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इस आसान को करने के लिए जमीन पर पेट के बल उल्टा लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को जमीन पर नीचे टिका दें। फिर अपने दोनों पैरों को मिलाएं और सीधे रहें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पीछे लाएं और अपने हाथों से टकने को पकड़ने की कोशिश करें। फिर अपने दोनों पैरों को खींचे और इस अवस्था में 20-30 सेकंड तक रहें। इस आसान को 10 बार करें।
लाभ - धनुरासन पैंक्रियाज को सक्रिय कर देता है जिससे शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल होता है। इसके अलावा धनुरासन का अभ्यास करने से पेट के सभी अंगों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

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