शिकायत करने के पास कितनी देर में पुलिस पहुुंची इस समय भी होगा दर्ज 

 सुमिता जाटव 

इंदौर। यदि कोई व्यक्ति मुसीबत में है और पुलिस को कई बार कॉल करने पर व्यस्त होने के कारण पुलिस अधिकारी फोन रिसीव नहीं कर पाते हैं तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। पब्लिक सुरक्षा ऐप पुलिस और पीडि़तों के बीच मजबूत कड़ी साबित होगी। इस नये ऐप को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने बनाया है। इसमें लोकेशन फीचर्स से पुलिस को पीडि़त तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल अन्य कार्यों में भी लोकेशन का पता करने के लिए किया जा सकता है।
 बता दें कभी-कभी पुलिस अधिकारियों के पास इतना कॉल आता है कि वह पीडि़ता के स्टेटमेंट को अपने अधिकारियों तक अग्रसारित नहीं कर पाते हैं। कॉल करने के बाद पीडि़त को रिस्पांस का भी पता नहीं चल पाता है कि कॉल करने के बाद क्या कोई कार्रवाई होगी या पुलिस पहुंचेगी कि नहीं। पुलिस के आने और जाने के बाद शिकायतकर्ता शिकायत करने पर क्या कार्रवाई हुई, इसका विवरण नहीं जान पाता है। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना उपलब्ध नहीं हो पाती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने ई-पब्लिक सुरक्षा ऐप को विकसित किया है। इसके माध्यम से पीडि़ता को कॉल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ऐप में लोकेशन फीचर्स होगा, जहां सिर्फ पीडि़त को क्लिक करना होगा। क्लिक करते ही लोकेशन और मोबाइल नंबर नजदीकी पुलिस स्टेशन के पास पहुंच जाएगा। इसमें वॉइस रिकॉर्डिंग संदेश भेजने का भी ऑप्शन है। पीडि़त अपने संदेश को रिकॉर्ड करके भेज सकते हैं। अगर किसी प्रकार का ऑडियो, वीडियो फोटोग्राफ है वह भी संलग्न कर सकते हैं।
पीडि़त का लोकेशन जब पुलिस स्टेशन को प्राप्त होगी तो पुलिस स्टेशन के पास एक साउंड मैसेज प्राप्त होगी। ऐप के माध्यम से ही पुलिस अधिकारी अपने सम्बंधित अधिकारी को जांच के लिए पीडि़त का लोकेशन अग्रसारित कर देगा। जिसकी सूचना पीडि़त को भी मोबाइल पर प्राप्त होगी। लोकेशन के आधार पर पुलिस तुरंत उस स्थान पर पहुंच जाएगी। इसके बाद और कार्रवाई करने के बाद पीडि़त उसमें अपना फीडबैक दे सकता है। वहीं ऐप में यह दिखाएगा की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस कितने देर में वहां पहुंची। ऐप का अवलोकन वरिष्ठ अधिकारी भी करेंगे। इससे वे किसी भी शिकायत की मॉनिटरिंग करते रहेंगे। यह ऐप महिलाओं के लिए भी काफी सुरक्षित है।
ऐसे तैयार किया ऐप
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार पुलिस न्यायालय के जज, अधिवक्ता और विभिन्न आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान में साइबर अनुसंधान का प्रशिक्षण देते रहे हैं। इस दौरान उन्हें पता चला कि अधिकारियों के पास इतना कॉल आता है कि अधिकारी चाह कर भी सभी काल नहीं रिसीव कर पाते हैं। अधिकारियों की स्थिति एक टेलीकॉलर जैसी हो जाती है। इससे निजात पाने के लिए इस ऐप को विकसित किया गया। दीपक कुमार ने बताया कि वे दो पुस्तक एथिकल हैकिंग ए न्यू डाइमेंशन और साइबर क्राइमरू ए रिव्यू ऑफ द एविडेंस भी लिख चुके हैं। उन्होंने बताया यह एप पीडित महिलाओं के लिये संजीवनी साबित  होगा। 

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