काबुल (एजेंसी)। अफगानिस्तान में तालिबान नेतृत्व के बीच विभाजन की खबरें आ रही हैं। पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले समूह के भीतर अंतर्विरोध इस समय चरम पर है। हाल ही उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का सार्वजनिक मंचों से गायब होना दर्शाता है कि तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के भीतर सब ठीक नहीं है।
अल जज़ीरा ने बताया है कि तालिबान नेतृत्व के बीच विभाजन की खबरें आई हैं जिसने पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान के अंदर की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों ने अल जज़ीरा को बताया कि तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के बीच कलह बहुत हद तक वास्तविक है और अगर यह दरार बढ़ती है तो यह लोगों के लिए परेशानी का सबब बनेगी। तालिबान की एकता के बारे में जनता का संदेह इस महीने की शुरुआत में ही बढ़ गया था जब बरादार सार्वजनिक रूप से गायब हो गए थे। कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें मार दिया गया है। लेकिन जब वह फिर सामने आए वह खुद नहीं बल्कि एक रिकार्डेड बयान आया। इस रिकार्ड में बरादर ने सार्वजनिक रूप से अपनी अनुपस्थिति का कारण यात्रा बताया था। अपना बयान पढ़ते हुए उन्होंने किसी तरह के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि तालिबान आपस में एक परिवार से अधिक प्रेम रखते हैं।
17 अगस्त को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मुजाहिद ने आगे कहा कि हमारे और पिछली सरकार के बीच बहुत बड़ा अंतर है। हालांकि, स्थिति से परिचित लोगों के लिए वर्तमान तालिबान नेतृत्व को पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के गुटों के साथ कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जो तालिबान के काबुल पर कब्जा करने वाले दिन देश छोड़कर भाग गए थे।
सूत्रों ने अल जज़ीरा को बताया कि अन्य अफगान सरकारों की तरह, तालिबान के बीच विभाजन व्यक्तित्व के आधार पर होता है। लेकिन पिछले सरकारों के विपरीत, तालिबान न केवल अति महत्वाकांक्षी सदस्यों या राजनीतिक विचारों का विरोध करने से पीड़ित है इसका विभाजन कहीं अधिक मौलिक है।

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