कैंसर के इलाज में हुई हालिया तरक्की के बारे में बताने के  किया संवेदीकरण


मेरठ। देश में  कैंसर के मामले तेजी से बढने के बावजूद आन्कोलॉजी के क्षेत्र में नयीतरक्की ने कारगर  नतीजे दिये है। विभिन्न प्रकार के कैंसर के बेहतरी  उपचार विकल्पों तक सही समयपर पहुंच  की जरूरत बताने   और इनकी मृत्यु दर के  मामले मीडिया  सवेदरीकरण डा मीनू वालिया द्वारा  किया गया।
सत्र में मेरठ के 62 वर्षीय कैंसर मरीज पर इलाज के हुए प्रभावशाली असर को दिखाते हुए डॉ. मीनूवालिया न कैंसर मरीजों की जीवन गुणवत्ता सुधारने के लिए जागरूकता और सही समय पर डायग्नोसिस केमहत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया अगस्त 2015 में 56 वर्षीया एक महिला पिछले तीन महीने से कफ होने की शिकायत और पिछले 15 दिनों से सिरदर्द की शिकायत लेकर आई।रेडियोलॉजी जांच से पता चला किउनके बाए फेडडे में एक गांठ और मस्तिष्क में कई जगह जख्म जैसा बन गया है। हिस्टोपैथोलॉजी से इस गांठ की प्रकृति पता चली और महिला की खुश किस्मती रही कि ईजीएफआर इलाज से वह ठीक हो गई।
डावालिया ने कहा मरीज के मस्तिष्क मे ंहो रहेे बदलाव के साथ उनमे ंएडवांस्ड चौथा चरण का लंग कैंसर पाया गया।उन्हें ओरल टार्गेटेडथेरापी पर रखा गयाऔरइलाज के तीन महीन ेम ेंकी गई जांच स ेउनमें काफी सुधार देखा गया।बाद की जांच से भी बीमारीके स्थिर हो जाने का पता चला।पहले लंग कैंसर के एडवांस्ड स्टेज वाले मामले में सिर्फ कीमोथेरापी ही विकल्प होता था और इस चरण के बाद मरीज के जीवित रहने की संभावना 6सेृ8 महीन ेही होतीथी। लेकिन कई लक्ष्यो ंके साथ मोलेकुलर प्रोफाइलिंग पद्धति के आने से  सिर्फ इलाज मे ंकी मोथेरापी की जरूरत रह गर्इ ह ैबल्कि मरीज के जीवित रहने की संभावना भी लंबी होती है।

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