मेरठ। टोक्यिो ओलपिंक में जैवलिन थ्रो में देश के इतिहास में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने वाले हरियाणा के नीरज चोपड़ा मेरठ में भी एथलेटिक अन्नू रानी के कोच काशीनाथ से बतौर ट्रेनिंग ले चुके है। काशीनाथ ने नीरज के थ्रो को निखारा था और उनको कुछ टिप्स दिए थे। काशीनाथ जब पटियाला गए तो नीरज ने वहां भी दो साल तक उनके पास रहकर ट्रेनिंग ली। 2010 नई कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के लिए जेवलिन थ्रो में कांस्य पदक जीतने वाले काशीनाथ बाद में मेरठ की अन्नू रानी और हरियाणा के नीरज चोपड़ा के कोच बन गए। वो कई बार मेरठ भी आए। उन्होंने पटियाला में नीरज को कैलाश प्रकाश स्पोर्टस स्टेडियम में रोजाना छह घंटे से ज्यादा अभ्यास कराया। नीरज में थ्रो की बेहतर क्षमता थी काशीनाथ के अनुसार नीरज में थ्रो की बेहतर क्षमता है। उसकी पावर पोजीशन और टाइमिग गजब की है। यानी, शरीर के अंगों का समन्यव बनाना स्वाभाविक तौर पर अन्य एथलीटों से अधिक है। कोच ने नीरज में जहां आत्मविश्वास भरा, वहीं रनवे पर स्पीड और थ्रो के दौरान शरीर का संतुलन संभालने की ट्रेनिंग दी। काशीनाथ की मानें तो उनकी देखरेख में ट्रेनिंग लेने के दौरान ही नीरज ने 2016 में साउथ एशियन खेलों में 82 मीटर से ज्यादा भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। 86.48 मीटर से ज्यादा भाला फेंककर जूनियर वल्र्ड चैंपियनशिप.अंडर.20 में नया विश्व कीर्तिमान बनाया था। वही जिला एथलेटिक संघ के जिला सचिव अन्नु कुमार ने कहा है नीरज के ओलपिंक में स्वर्ण जीतने से नये खिलाडियों को प्रेरणा मिलेगी ।
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