वंदेमातरम वंदेमातरम जय जय भारत भूमि माता,
विश्व में भारत सिरमौर जय जय जग मंगल दाता।
यहाँ की सभ्यता, संस्कृति में अद्भुत गुण संगम है,
जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी देश दृश्य विहंगम है।

भारत की केसरिया माटी वीरों ने सिर वार दिये थे,
मातृभूमि आजादी हित स्वजीवन निसार किए थे।
जान हथेली पर रखकर झूम उठे थे वीर मतवाले,
मातृभूमि से अंग्रेज खदेड़े, वंदेमातरम पल, पल बोले।



आजादी के मतवाले ने आजाद नाम रखाया था,
जोशे जूनून से लहू धारा में क्रांति जोश जगाया था।
भारत माता की खातिर वीर ने हँस प्राण गँवाया था,
आजादी का अमृत महामंत्र जनता को सिखाया था।

अमर सेनानी आजाद ने क्रांति बिगुल बजाया था,
काकोरी काण्ड कर अंग्रेजों का दिल दहलाया था।
स्वतंत्रता मेरे पिता हैं, हवालात ही सदन बताया था,
स्वतंत्रता हमारा अधिकार, जनमन को चेताया था।

जन्मभूमि रक्षा को चन्द्र शेखर से आजाद कहाये थे,
जीवित अंग्रेज पकड़े नहीं, कनपटी गोली चलाए थे।
अंग्रेजी खौंफ से निड़र हों, खेलें थे वो खून की होली,
आजादी के इन मतवालों से अंग्रेजी हुकूमत थी ड़ोली।

- सीमा गर्ग मंजरी
मेरठ, कैंट।

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