जीवन से निराश एक युवक आत्महत्या के विचार से शहर से दूर जा रहा था तभी उसकी नज़र सड़क किनारे दयनीय हालत में बैठे एक भिखारी पर पड़ी। युवक उसके पास जा कर बोला, ‘देखो, ईश्वर भी कितना निर्दयी है। उसने तुम्हें यहां यातनाएं भोगने के लिए भेज दिया। तुम्हारे जीवन का उद्देश्य ही क्या है? भिखारी ने हाथ जोड़ कर परमात्मा को प्रणाम करते हुए कहा कि मेरी यह हालत मेरे ही कर्मों का फल है क्योंकि मैंने यौवन काल में खूब धन कमाया और अय्याशी में उड़ाया जहां तक उद्देश्य का प्रश्न है तो हो सकता है परमात्मा मेरे माध्यम से लोगों को सन्देश देना चाहता हो।’ युवक अचम्भित हो कर सोचने लगा यदि एक भिखारी अपने जीवन को सार्थक मानता है तो भला मेरा जीवन निरुद्देश्य कैसे हो सकता है और वह अपने घर लौट गया।


अनमोल वचन
- यदि मार्ग काटों भरा है और आप नंगे पांव है, तो मार्ग बदल लेना चाहिए।
- पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।
-  किसी भी कार्य को करने के लिए तुरंत उठो, जागो और तब तक नहीं रुकना, जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए।
- एक राष्ट्र की संस्कृति उसमें रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।
- याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
- कभी परिस्थितियों के हाथों की कठपुतली न बनें, क्योंकि आप हालात बदलने का दम रखते हैं।


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