कानपुर।यूपी के कई जिलों में आई बाढ़ ने लोगों के जनजीवन काे प्रभावित कर दिया है। कुछ जिलों में ग्रामीण जनता ने अपने मूल निवास को छोड़कर पलायन करना शुरू कर दिया है। लगभग सभी जगहों पर यमुना के जलस्तर में कुछ गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि यमुना का जलस्तर बांदा-कानपुर मार्ग के लिए आफत बन गया है। यह मार्ग तीन फीट तक जलमग्न हो चुका है। इसी कारणवश इस मार्ग पर यातायात काफी देर तक प्रभावित रहा। इटावा में रविवार को चंबल नदी का जलस्तर फिर बढ़ना शुरू हो गया। दोपहर एक बजे तक जलस्तर बढ़कर समुद्र तल से 126.90 मीटर पर पहुंच गया। जो शनिवार के मुकाबले .85 मीटर अधिक था। वहीं यमुना का जलस्तर स्थिर हो गया है और रविवार को यह 121.72 मीटर पर बना हुआ है। औरैया में रविवार को यमुना नदी में पानी 117.80 मीटर पर रहा। कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से जल स्तर पर असर पड़ा है। बाढ़ की चपेट में आए गांवों की हालात ऐसे में ज्यादा खराब होने की संभावना बढ़ गई है। अजीतमल और सदर तहसील से जुड़े गांव ज्यादा प्रभावित हैं। बाढ़ से सदर तहसील के कुल पांच प्रभावित गांवों में तीन गांव क्योंटरा, अस्ता सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। तहसील अजीतमल के अब तक 25 गांव प्रभावित हो चुके हैं। उन्नाव में गंगा नदी का जलस्तर बीते 18 घंटों में 11 सेंटीमीटर घट गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार शाम छह बजे गंगा नदी का जलस्तर 111.850 मीटर रिकार्ड किया गया था। जो कि रविवार दोपहर 12 बजे 111.740 मीटर हो गया है। उरई में रविवार को माताटीला बांध से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बेतवा नदी का जलस्तर छह मीटर बढ़ गया है। शनिवार को जलस्तर 113.458 सेमी था। रविवार को जलस्तर 119.49 मीटर पहुंच गया है।
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