तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के शिक्षा संकाय की ओर से सात दिनी फैकल्टी डवलपमेंट-एफडीपी प्रोग्राम का श्रीगणेश

24 सूबों के शिक्षाविद और शोधार्थी एफडीपी में शामिल


Muradabad
। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने हाईब्रिड अनुसंधान को विभिन्न क्षेत्रों - तकनीकी, प्रबंधन, शिक्षा, मानविकी, सामाजिक एवं वैज्ञानिक प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने बहुआयामी अनुसंधान में हाईब्रिड रिसर्च के जरिए मात्रात्मक और गुणात्मक अनुसंधान कार्यों में गुणात्मक अनुसंधान शिक्षा की समस्याओं, नवीन ज्ञान की प्राप्ति और उनकी मौलिकता सुनिश्चित करने पर बल दिया। प्रो. सिंह बोले, मौजूदा समय में ज्ञान के साथ कौशल निपुणता अति आवश्यक है। वह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के शिक्षा संकाय की ओर से आयोजित सात दिवसीय फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम- एफडीपी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। एफडीपी मे ं24 राज्यों - राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटका, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, उ.प्र,.प.बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, गुजरात, असम, सिक्किम, हरियाणा के अलावा देश-विदेश के 500 से अधिक शिक्षाविद, प्राध्यापक/प्राध्यापिकाएं और शोधार्थी ने जूम ऐप के माध्यम से प्रतिभाग किया। इससे पूर्व निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा एनईपी-2020 को लेकर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी है। अंत में फैकल्टी ऑफ़ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया।   
उत्तर क्षेत्रीय केन्द्र-राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. बीएल नाटिया ने बतौर विशिष्ट अतिथि बताया, अनुसंधान नवीन ज्ञान की प्राप्ति का साधन है। वर्तमान समय में शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण की प्रचलित पद्धति के जरिए भविष्य के शिक्षकों का निर्माण अत्यंत कठिन है। उन्होंने निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता पर भी सवाल किए। प्रो. नाटिया ने कहा, हाईब्रिड रिसर्च किसी क्षेत्र विशेष के लिए ही उपयोगी नहीं है, वरन इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्कृष्ट अनुसंधान कार्यों और विभिन्न क्षेत्रों में सुगमता से किया जा सकता है। यह कोई नई तकनीकी नहीं है, जिसका अनुसंधान कार्य में प्रयोग संभव होगा। इस तकनीकी का उपयोग अत्यंत प्राचीन समय से शिक्षा व्यवस्था में चला आ रहा है। उन्होंने नवीन शिक्षा नीति- 2020 की विशेषताओ पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में कुशलता और निपुणता के साथ को समर्पण भाव को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना। एफडीपी में कुंथुनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार जैन, डॉ. रत्नेश जैन, श्री रंजीत सिंह, श्रीमती स्वाति बिसारिया, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. विनय कुमार, श्री राहुल कुमार, मिस शिवांकी रानी, मिस रूबी शर्मा, एआर श्री दीपक मलिक में मौजूद रहे। संचालन रचना सक्सेना ने किया।

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