New Delhi।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को अनुमति  दिए जाने का मामला गंभीर होता जा रहा है। बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान  लिया है। कोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी के कावड़ यात्रा को अनुमति दिए जाने आदेश पर हैरानी जताई है।

जस्टिस फली नरीमन  की बेंच ने योगी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सरकार को 16 जुलाई तक अपना जवाब कोर्ट में पेश करना होगा। अगली सुनवाई इस मामले में अब 16 जुलाई दिन शुक्रवार को होगी।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी को देखते हुए पिछले साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड सरकार ने पारंपरिक कावड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड़ यात्रा निकालने की अनुमति दे दी है।
मुख्यमंत्री के इस फैसले से कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण बढ़ने की आशंका है। भारी मात्रा में शिव भक्त कांवड़ यात्रा के लिए निकलते हैं। हालांकि सीएम योगी ने अफसरों को आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि अधिकारी दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से बातचीत कर कांवड़ यात्रा के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करें लेकिन उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द करने का स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में शिव भक्तों के सामने में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हरिद्वारा से गंगा जल लेकर शुरू हुई कांवड़ यात्रा को पूर्ण माना जाता है लेकिन जब उत्तराखंड सरकार ने यात्रा पर रोक लगाई हुई है तो ऐसे में शिवभक्त हरिद्वार कैसे जा पाएंगे। वही अगर उत्तर प्रदेश के शिवालयों से ही जल लेकर कांवरिया वापस लौटते हैं तो ऐसी कांवड़ लाने का कोई महत्व नही है।

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