मेरठ  की वंदना बनी इंडिया हॉकी टीम की हिस्सा


मेरठ। टोक्यिो ओलंपिक  जाने वाले खिलाडियो में  एक और खिलाडी का नाम शामिल हो गया है।एनएएस कालेज के हॉकी मैदान पर कोच की अगुवाई में पसीनी बहाने वाली मेरठ की वंदना कटारिया भारत  की महिला  हाकी  टीम में फ ारवर्ड की भूमिका दिखाते नजर आएगी।उनके शुरूआती कोच प्रदीप चिन्योटी अपनी इस खिलाडी के टीम में शामिल होने पर फूले नहीं समा रहे है। ।
 बता दें यह पहला मौका है जब भारतीय महिला हाकी टीम लगातार दूसरे ओलंपिक में चुनी गई है। इससे पहले रियो ओलंपिक की टीम भी क्वालीफाई हुई थी। मेरठ की वंदना को रियो ओलंपिक का भी अनुुुभव है। वंदना का अनुभव टीम में शामिल युवा खिलाड़ियों में जोश भरेगा और भारतीय टीम मेडल लेकर लौटेगी। वंदना का कहना है कि टीम टोक्यो में इतिहास रचने के लिए तैयार है।
जर्मनी में 2013 में जूनियर विश्व कप में भारतीय टीम को कांस्य पदक दिलाने में वंदना की अहम भूमिका थी। वंदना ने टूर्नामेंट के चार मैचों में पांच गोल दागकर अपनी प्रतिभा साबित की थी।
  जब परिवार से छिपा कर पिता बेटी की हास्टिल में प्रवेश दिलाने ले गये
 वंदना की माने तो उनका कहना है परिवार के सदस्य उनके हॉकी खेलने  के पक्ष में नहीं थे। सिर्फ और सिर्फ  परिवार में एकमात्र पिता नाहर सिंह ही थे उसके  हाकी खेलने के पक्ष में थे।  उन्होंने बताया पिता परिवार से छिपाकर लखनऊ हॉस्टल में प्रवेश दिलाने ले गए थे। करीब दो महीने पहले पिता के गुजर जाने से वंदना बेहद आहत हैं लेकिन उनमें पिता के सपने को पूरा करने का जज्बा अभी बाकी है। माता रोहण देवी सहित पूरा परिवार उन्हें इस सपने को पूरा करने को प्रेरित करता है।
मेरठ से शुरू हुआ खेल करियर
मूल रूप से उत्तराखंड के रोशनाबाद की रहने वाली वंदना कटारिया ने हाकी की शुरुआती प्रशिक्षण मेरठ के एनएएस कालेज स्थित हाकी मैदान पर कोच प्रदीप चिन्योटी के मार्गदर्शन में किया। प्रदीप ने वंदना को एक प्रतियोगिता के दौरान रोशनाबाद में देखा था और वहां के हाकी कोच स्वण् केके ने वंदना और उनकी बहन को मेरठ में प्रशिक्षण के लिए भेजा था। वंदना ने मेरठ में साल 2004 से 2006 तक रहने के दौरान हाकी सीखी और जिले से लेकर प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। साल 2007 के शुरुआत में वंदना का चयन लखनऊ हॉस्टल में हुआ।
वंदना ने भारत के लिए 218 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 58 गोल दागे हैं। 2013 में जापान में हुई तीसरी एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं। 2014 में कोरिया में हुए 17वें एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में भी वंदना शामिल थीं। 2016 में सिंगापुर में चौथी एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम में भी वंदना की अहम भूमिका थी। वंदना 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेल में रजत जीतने वाली टीम में भी शामिल रहीं। इसके अलावा 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए 11वें राष्ट्रमंडल खेल में चौथे स्थानए 2016 में रियो ओलिंपिक चीन में हुई दूसरी एशियन चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम का हिस्सा रहीं हैं।

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