ऋचा गुप्ता 
 

मेरठ। मानसून के शुरू होते ही व्यक्ति कई तरह के संक्रमण का शिकार होते लगता है। महिलाओं के लिए इस मौसम में परेशानी थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हवा में बढ़ी हुई नमी फंगस, बैक्टीरिया और यीस्ट के विकास को प्रोत्साहित करती है, जिसकी वजह से महिलाओं को कई प्रकार के वजाइनल रोग घेरने लगते हैं।
 चिकित्सक डा ऋचा गुप्ता का कहना है कि इस मौसम में तापमान में होने वाले उतार.चढ़ाव की वजह से महिलाओं की इम्यूनिटी प्रभावित होती है, जिसकी वजह से उन्हें वजाइना से जुड़ी कई दिक्कतें जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, खुजली.जलन, बार.बार पेशाब जाना, वजाइनल डिस्चार्ज आदि, परेशान करने लगते हैं। जिससे बचने के लिए महिलाओं को अपनी पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए।
मानसून में वजाइनल इंफेक्शन से बचने के उपाय:- 
 प्राइवेट एरिया को रखें ड्राई. प्राइवेट एरिया में गीलापन होने से बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ सकती है। इस जगह को हमेशा साफ और ड्राई रखने की कोशिश करें। इसके लिए इंटिमेट वेट वाइप्स का इस्तेमाल करें, ये आपके इंटिमेट एरिया को हेल्दी रखकर आपको पूरे दिन साफ और ड्राई महसूस करवाते हैं।
वजाइना की सफाई का भी रखें ध्यान:-
 अपने इंटिमेट एरिया को साफ रखने से आप बैक्टीरियल इंफेक्शन और गंध से मुक्त रहंगी। इसके लिए साबुन की जगह इंटिमेट हाइजीन वॉश का इस्तेमाल करें। साबुन का इस्तेमाल आपकी त्वचा को ड्राई करता है।
मसालेदार खाना खाने से बचें:-
 चटपटा और तीखा खाना आपके वेजाइना के पीएच लेवल को प्रभावित करके आपको जलन और खुजली की समस्या पैदा कर सकता है। इतना ही स्पाइसी फूड खाने से वजाइनल डिस्चार्ज और स्मेल की समस्या भी पैदा हो सकती है।
टाइट कपड़े और इनरवियर से बचें:-
 टाइट पैंटी या जीन्स पहनने से प्राइवेट एरिया पर ज्यादा पसीना आता है, जिस वजह से रैशेज और यूटीआई की समस्या हो सकती है। बारिश के दौरान खासतौर पर कॉटन पैंटी का इस्तेमाल करें। कॉटन पहनने से हवा आर.पार होगी और त्वचा पर जलन और रैशेज की संभावना भी कम हो जाएगी।
खूब पानी पिएं:-
 मौसम ठंडा होने पर प्यास कम लगती है। लेकिन शरीर में पानी की कमी वजाइनल इंफेक्शन का कारण भी बन सकती है। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिनभर में कम से कम 3.4 लीटर पानी जरूर पिएं। ऐसा करने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलने के साथ वजाइना का पीएच लेवल भी मेंटेन रहता है।

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