वेंक्टेश्वरा में शहीद मंगलपाण्डे की जयन्ती पर ’’मंगल पाण्डे-आजादी का अग्रदूत’’ विषय पर संगौष्ठी का आयोजन


मेरठ। दिल्ली-रूडकी बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान में आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रान्ति दूत एवं 1857 की क्रान्ति के महानायक शहीद मंगलपाण्डे की 194वीं जयन्ती पर राष्ट्र के इस महान नायक को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए ’’मंगलपाण्डे -आजादी का अग्रदूत’’ विषय पर संगौष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओ ने इस महान क्रान्तिकारी के द्वारा देश में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाने से लेकर भारतीय सैनिकों को अंग्रेजी हुक्मरानो से लोहा लेने का साहस देने की इबादत लिखने पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके अलावा उपस्थित स्टॉफ एवं छात्र-छात्राओं को देश सेवा की शपथ भी दिलायी गयी।



वेंक्टेश्वरा संस्थान के डॉ0 सी0वी0 रमन सभागार में ’’मंगलपाण्डे-आजादी का अग्रदूत’’ संगौष्ठी का शुभारम्भ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ0 सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ0 राजीव त्यागी, कुलपति प्रो0 पी0के0 भारती आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। 
अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डॉ0 सुधीर गिरि ने कहा कि देश को आजाद करने की जंग में हजारो लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन ब्रिटिश हुक्मरानो के खिलाफ सबसे पहले खुला विद्रोह एवं प्रथम क्रान्ति की मशाल जलाने वाले एकमात्र नायक शहीद मंगलपाण्डे ही थे। मंगलपाण्डे पहले ऐसे क्रान्तिकारी थे, जिन्होने ब्रिटिश आदेशों को मानने से इंकार करते हुए भारतीय सैनिकों को अग्रेजों से सीधा मुकाबला करने का साहस दिया। हम भारत माँ के उस महान सपूत को पूरे राष्ट्र के साथ नमन करते है। संगौष्ठी को प्रतिकुलाधिपति डॉ0 राजीव त्यागी, कुलपति प्रो0 पी0के0 भारती, कुलसचिव प्रो0 पीयूष पाण्डे, डॉ0 ब्रिगेडियर सतीश अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। 
इस अवसर पर नर्सिंग प्रिंसिपल डॉ0 ऐना ऐरिक ब्राउन, विम्स के वरिष्ठ सलाहकार डॉ0 आर0एन0 सिंह, परिसर निदेशक प्रभात श्रीवास्तव, उपनिदेशक दूरस्थ शिक्षा डॉ0 अलका सिंह, डॉ0 राजेश सिंह, डॉ0 सी0पी0 कुशवाह, डॉ0 योगेश्वर शर्मा, विकास कौशिक, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि उपस्थित रहे।

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