सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूक करेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस


नई दिल्ली (एजेंसी)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में चिंता जताई है। हर व्यक्ति सड़क पर यह मानकर चलता है कि दुर्घटना तो दूसरों के लिए बनी है, इसलिए वह उतनी सावधानी नहीं रखता, जितनी रखनी चाहिए। रक्षा मंत्री ने आश्चर्य जताया कि हमारे देश में दुनिया के मुकाबले 3 प्रतिषत से भी कम वाहन हैं लेकिन दुर्घटनाएं 11 प्रतिशत के करीब होती हैं। हर साल लगभग साढ़े चार-पांच लाख दुर्घटनाएं और डेढ़ लाख मौतें होना किसी सर्वव्यापी महामारी से कम नहीं हैं।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 'सड़कों, पुलों, हवाई क्षेत्रों और सुरंगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र' एवं 'सड़क सुरक्षा और जागरुकता के लिए उत्कृष्टता केंद्र' का नई दिल्ली स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मुख्यालय में उद्घाटन किया।
इसके बाद सीमा सड़क संगठन के 'कर्मयोगियों' को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही बीआरओ दूरदराज के इलाकों में सड़कों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करके राष्ट्र की प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। आज बीआरओ की तकनीकी प्रगति में नए अध्याय जोड़ते हुए चार सॉफ्टवेयर की शुरुआत हो रही है।
उन्होंने कहा कि 'सड़क सुरक्षा और जागरुकता' और 'सड़क, पुल, हवाई क्षेत्र और सुरंग' से संबंधित देश के पहले दो-दो सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन हो रहा है। यह दोनों ही सेंटर अपने उद्देश्यों में एक दूसरे के पूरक हैं। आज लांच हो रहे चारों सॉफ़्टवेयर संगठन के कामों में दक्षता लाएंगे और समय भी बचाएंगे। इनका निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' और 'डिजिटल इंडिया' अभियान की भी सफलता का प्रतीक है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ने 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति' को मंजूरी देने, 'मोटर व्हीकल एक्ट 2020' लाने, राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना बहुल क्षेत्रों की पहचान करने जैसे कदम उठाए हैं, जिसमें भी यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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