मेरठ। शासन के आदेश के तहत अब मेरठ में दावा अधिकरण की कोर्ट स्थापित हो गई है। यदि किसी ने हड़ताल, बंद, दंगा आदि से किसी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उसके खिलाफ दावा-अधिकरण में गुहार लगाई जा सकती है। यह कोर्ट की तरह काम करेगा। सुनवाई कर भुगतान आदि का आदेश देगा। मेरठ में गठित दावा अधिकरण में छह मंडलों के मामलों की सुनवाई होगी। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली-2020 लागू किया है। इसके तहत दावा अधिकरण की व्यवस्था की गई है। किसी सरकारी या निजी संपत्ति को किसी आंदोलन, हड़ताल, बंद, दंगा आदि जैसी लोक अशांति की कार्रवाई से नुकसान पहुंचता है तो वह दावा अधिकरण में शिकायत दर्ज करा सकता है। मेरठ में गठित दावा अधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर रिटायर्ड जिला जज डा. अशोक कुमार सिंह की शासन ने तैनाती कर दी है। उन्होंने मेरठ मंडल में काम शुरू कर दिया है। अब जैसे-जैसे छह मंडलों में नुकसान से संबंधित मामले आएंगे तो सुनवाई शुरू हो जाएगी।
6 मंडलों की मेरठ में होगी सुनवाई मेरठ में गठित दावा अधिकरण में मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों के मामलों की सुनवाई होगी। इसके लिए मेरठ मंडल के आयुक्त की ओर से सभी मंडलों के आयुक्त को पत्र जारी कर दावा अधिकरण के गठन की जानकारी दी गई है।
एक साल पूर्व हुआ था गजट हड़ताल, बंद, आंदोलन, दंगा आदि से नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने एक साल पूर्व छह मई 2020 को ही गजट अधिसूचना जारी कर दावा अधिकरण की व्यवस्था की थी। प्रदेश में दो दावा-अधिकरणों का गठन हुआ है। एक मेरठ, दूसरा प्रयागराज और तीसरा लखनऊ में दावा अधिकरण की व्यवस्था की गई है। इसमें रिटायर्ड जिला जज तैनाती के साथ कार्रवाई शुरू हो गई है।
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