मेरठ। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस बार 3456 समूह गठन का लक्ष्य मिला है। समूह से जुड़कर महिलाएं खुद की मेहनत से अपने जीवन को संवार रही हैं और गांव में लोगों के लिए उम्मीद बन रही हैं।
जनपद की 479 ग्राम पंचायतों में 3500 समूह संचालित हैं। जिनको आरएफ (रिवाल्विंग फंड) 15 हजार तक ऋण दिया गया। 2000 समूह को सीआइएफ (कम्यूनिटी इंवेस्टमेंट फंड) एक लाख का ऋण और 500 समूह के लिए सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) बैंकों से पांच-पांच लाख की लिमिट भी बनाई जा चुकी है। इससे महिलाएं लगातार कारोबार में आगे बढ़ रही हैं। स्वयं सहायता समूह से लगातार महिलाओं को जोड़ने व उनको स्वावलंबी बनाने के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन चलाया जा रहा है। महिलाओं का समूह बनने पर बैंक से ऋण के साथ इलाहाबाद बैंक की ओर से कारोबार व उत्पादन की ट्रेनिग भी दिलाई जाती है। जो समूह पुराने हो चुके हैं और जिनका बैंकों से लेनदेन बेहतर है। उन समूह से उत्पादन अच्छा हो रहा और नियमानुसार संचालन हो रहा है। डीडीओ दिग्विजय तिवारी का कहना है कि इस साल 3456 समूह गठन का लक्ष्य मिला है। गठन की कवायद जल्द शुरू होगी।

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