मेरठ। लोन की वसूली प्रक्रिया को जीरो पर लाने के लिए जिला सहकारी बैंक ने कर्जदार किसानों से कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में उन पर जो बाकी है, वे उसे 30 जून तक जमाकर दें। ऐसा न होने पर उन्हें 12 फीसद ब्याज देना होगा। जो लोग धन जमा कर देंगे। उनके लिए भी बैंक ने घोषणा की है कि वे चाहें तो फिर ऋण ले सकते हैं। उन्हें मात्र तीन फीसद ब्याज ही देना होगा।
सहकारी बैंक कृषि के लिए अल्पकालीन योजना के तहत एक वर्ष के लिए दो हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के लोन देता है। मेरठ जिला सहकारी बैंक अपनी करीब 120 सौ सोसाइटी के जरिए इसका वितरण करता है। यूं तो इस ऋण पर सात फीसद ब्याज होता है, लेकिन चार फीसद अनुदान मिलने की वजह से किसानों को तीन फीसद ही ब्याज देना पड़ता है। एक लोन चुकाने पर ही दूसरा लोन दिया जाता है। जो लोग लोन नहीं चुकाते उन पर 12 फीसद ब्याज शुरू कर दिया जाता है।
इसे जमा करने की तारीख वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद 30 जून होती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म हो चुका है और सहकारी बैंक का अभी भी  करोड़ रुपये लोन के रूप में लोगों पर बकाया है। बैंक ने किसानों से संपर्क कर 30 जून तक रकम लौटाने के लिए समझाना शुरू कर दिया है। मेरठ जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मनिंदर पाल सिंह ने बताया कि यदि वे इसे नहीं चुकाएंगे तो एक जुलाई से उस राशि पर 12 फीसद की दर से ब्याज लगने लगेगा। उन्होंने कहा कि लोन लेने वाले किसान अपने लोन की बकाया राशि जिले में स्थित किसी भी शाखा में अपना धन चुका सकते हैं। वे ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं।

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