एचआर सीटी स्कैन की जांच में ज़्यादा वसूली की शिकायत
मेरठ,। कोरोना काल में स्कूल की फीस माफी को लेकर मांग तेजी से उठने लगी है। अब व्यापारियों ने कोरोना काल की स्कूलों की फीस माफी की मांग उठाई है। इसके साथ ही डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा एचआर सीटी स्कैन की जांच के ज्यादा वसूले दाम वापस करने की भी मांग की है। मेरठ में व्यापारियों के प्रमुख संगठन संयुक्त व्यापार समिति ने स्कूलों में फीस वसूली और डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा एचआर सीटी स्कैन की जांच में ज्यादा पैसा वसूलने के खिलाफ आवाज उठाई है। समिति अध्यक्ष नवीन अग्रवाल और महामंत्री विपुल सिंघल ने मेरठ मंडल के आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 से कोरोना महामारी के चलते लोगों का व्यापार लगभग समाप्त है। किसी भी व्यापारी द्वारा अपने जीविका के लिए दो वक्त की रोटी का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है। व्यापारी सरकार के साथ हर समय खड़ा है और अपने को व प्रदेश की जनता को बचाने के लिए तैयार है। व्यापारी ऐसा वर्ग है जो अपने जीवन की परवाह ना करते हुए लोगों तक खाने का राशन, दवाइयां तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने का काम करता है। इस सेवा को करते हुए बहुत से व्यापारियों की जान तक चली गई है। सरकारी नौकरी में कार्यरत लोगों ने भी बहुत कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में कोई भी व्यापारी अथवा उद्यमी अपने ग्राहकों से किसी भी प्रकार कि कोई वसूली बिना सेवा या सामान दिए नहीं कर रहा है, जबकि व्यापारियों अथवा उद्यमियों ने अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं की है। व्यापार चौपट होने के बाद भी उनको अपनी जेब से वेतन दे रहे हैं। ऐसे कठिन समय में स्कूल कार्य नहीं कर रहे हैं और केवल आनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में फीस के नाम पर मोटी रकम की वसूली करना जायज नहीं है। ऐसे में निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की एक साल की फीस माफ की जाए।
व्यापारियों ने कहा कि मेरठ में एचआर सीटी स्कैन की जांच छह से लेकर दस हजार रुपए में अभी तक की गई है। अब सरकार ने एचआर सीटी स्कैन की जांच दर निर्धारित कर दी है तो एक नोडल अधिकारी नामित करके सभी डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा शासनादेश से अधिक वसूली गई रकम को वापस दिलाया जाए।
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