मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय स्थित प्राचीन पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध पूर्णिमा की मध्य रात्रि कोरोना महामारी की समाप्ति हेतु विशेष प्रार्थना की गई। सुभारती विश्वविद्यालय की तथागत बुद्धा चेयर द्वारा कोरोना सावधानी का पालन करते हुए सूक्ष्म कार्यक्रम मध्य रात्रि में आयोजित किया गया। सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी. सिंह एवं सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके विधिवत बोधिवृक्ष की पूजा की। बौद्ध विद्वान डा. चन्द्रकीर्ति भंते ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत करते हुए भारत सहित विश्वभर से कोरोना महामारी के समापन की प्रार्थना कराई।
कुलपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी. सिंह ने बुद्ध पूर्णिमा की मंगलकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सुभारती विश्वविद्यालय में स्थापित तथागत बुद्धा चेयर द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही बड़े बड़े कार्यक्रम आयोजित करके समाज में तथागत बुद्ध के संदेशों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम आयोजित नही हुआ है लेकिन बुद्ध पूर्णिमा की मध्य रात्रि में सुभारती विश्वविद्यालय परिसर में स्थित प्राचीन पवित्र बोधिवृक्ष पर कोरोना सावधानियों का पालन करते हुए विधिवत पूजा करके कोरोना के समाप्त होने की प्रार्थना की गई है। उन्होंने कहा कि बुद्ध की शिक्षाएं जिस प्रकार युद्ध के मैदान में नरसंहार को रोकने में सक्षम है इसी प्रकार वर्तमान समय में कोरोना महामारी की परिस्थिति में मानव सभ्यता के संरक्षण का संदेश भी देती है।
सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज ने संदेश जारी करते हुए सभी को बुद्ध पूर्णिमा की मंगलकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध की शिक्षाएं अंधकार से प्रकाश की ओर मानव को उन्नत करती है और सुभारती विश्वविद्यालय तथागत गौतम बुद्ध के मार्ग पर संकल्पबद्ध होकर मानव कल्याण के कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि तथागत गौतम बुद्ध के आदर्शो को आत्मसात कर सुभारती विश्वविद्यालय देश की युवा पीढ़ी का नेतृत्व करके भारत की संस्कृति का संरक्षण कर रहा है एवं भारत सहित विश्वभर में प्रेम, करूणा, मैत्री के भाव को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध ने मानवता के कल्याण हेतु संसार को सत्य का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा यह बड़े गर्व की बात है कि सुभारती विश्वविद्यालय तथागत के पंचशील के सिद्धांत का अनुसरण करके ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘‘ को सार करते हुए तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को देशवासियों के मध्य रूबरू करा रहा है। उन्होंने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन बहुत पावन है और वर्तमान परिस्थितों में तथागत बुद्ध के उपदेशों का पालन करके अध्यात्मता के माध्यम से महामारी से बचा जा सकता है।
इस अवसर पर भंते डा. चन्द्रकीर्ति, डा.नीलिमा चौहान, भंते डा. राकेश आनन्द, डा. हरीश, डा. रागिनी, डा. आलोक, पल्लवी त्यागी, राजकुमार सागर आदि का सहयोग रहा।

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