: 



बुलंदशहर से तैयार होकर पहुंची विशेष ट्रॉली

50-60 आदमियों के सोने की हो सकेगी व्यवस्था


गाजियाबाद, 30 मई, 2021। किसान आंदोलन में रोजाना नए इनोवेशन देखने को मिल रहे हैं। आंदोलन शुरू होते ही सर्दी बढ गई तो देशी गीजर आंदोलन स्थलों पर देखने का मिले। सोने के लिए स्कूल बसों की सीटें निकालकर उनमें बिस्तरों की व्यवस्था की गई। स्कूल बसों में सर्दी से बचाव में भी मदद मिली। गर्मी शुरू होने पर किसानों ने सोलर पैनलों से पंखे चलाने शुरू कर दिए। बीच-बीच में आई बरसात ने भी किसानों को रोज नए इनोवेशन करने की प्रेरणा दी। मचान पर बने डबल स्टोरी टेंट भी गाजीपुर बार्डर पर देखे गए। सड़क पर लगाए गए टेंटों में पानी ना आए, इसके लिए उन्हें वाटरप्रूफ बनाया गया। लेकिन सड़क पर नीचे से पानी भर जाने पर किसानों को बचाव के लिए नए सिरे से सोचना पड़ा। कभी मिट्टी की डोल बनाकर पानी टेंट के अंदर घुसने से रोका गया तो फिर सीमेंट से इस तरह की रोक बनाई गई कि पानी से किसान अपने बिस्तर बचा सकें। 
अब भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के आव्हान पर भाकियू की बुलंदशहर इकाई ने मोबाइल शयनयान तैयार कराया है। ट्रालीनुमा इस शयनयान की लंबाई 25 फीट और चौड़ाई 10 फीट से अधिक है। ट्रॉली में लोहे की चादर से ढाई-तीन फीट ऊंची दीवार बनाई जाती है इसलिए उसमें लेटने पर हवा नहीं लगती। इस ट्रालीनुमा शयनयान में इस बात का ध्यान रखते हुए चारों ओर जाली लगाई गई है। ऊपर से फाइबर की सीट लगाकर ऐसी व्यवस्था की गई है कि बरसात के पानी से बचाव किया जा सके। मजबूती के लिए इसके चारों कोनों पर लोहे की सपोर्ट दी गई हैं, शयनयान को एक जगह खड़ा करने के बाद यह सपोर्ट लगा दी जाएंगी। इस ट्रालीनुमा शयनयान की ऊंचाई करीब सात फीट रखी गई है ताकि इसके अंदर घूमने-फिरने में किसी तरह की परेशानी न हो।
राकेश टिकैत ने बताया कि ट्रालीनुमा शयनयान का निर्माण भारतीय किसान यूनियन की जनपद बुलंदशहर इकाई ने कराया है। यह शुरूआत है। इस तरह के शयनयान और भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि किसान जैसे खेत में अपने रहने की व्यवस्था को धीरे-धीरे बेहतर करता है वैसे आंदोलन स्थल पर भी कर रहा है। सरकार के रूख को देखते हुए किसानों ने मान लिया है कि यहां लंबे समय तक रहना पड़ेगा, उसी हिसाब से अपनी व्यवस्था बनाने में लगा है। 


No comments:

Post a Comment

Popular Posts