दुबई। छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरीकोम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं। टाप सीड मैरी कोम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया।
लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकोम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। मैरीकोम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।फाइनल में मैरी कोम का सामना कजाकिस्तान की नज्म जैबे से होगा। जैबे ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका की नदीका पुष्पकुमारा अपने मुक्कों से पहले ही राउंड में धराशायी कर दिया।
दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी (54) ने अपने सेमीफाइनल में टॉप सीड कजाखस्तान की दीना झोलमन को कड़े संघर्ष में 3-2 से हराकर फाइनल में जगह बनायी और अपने लिए रजत पदक पक्का कर लिया।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उजबेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टाप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया। जैस्मिन (57) को सेमीफाइनल में कजाखस्तान की व्लादिस्लावा कुख्ता से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। जैस्मिन को भी मोनिका की तरह कांस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
गुरुवार को मैरी कोम और मोनिका के अलावा सिमरनजीत (60 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं।
इस बीच, बुधवार की देर रात खेले गए पुरुषों के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज आशीष कुमार (75 किग्रा) और नरेंद्र (+91 किग्रा) को मजबूत कजाख विरोधियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। आशीष एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता अबिलखान अमानकुल से 3-2 से हार गए, जबकि नरेंद्र दो बार की विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कांशीबेक कुंकाबायेव से 0-5 से हार गए।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरुआत में इस टूर्नामेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके।
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