मेरठ। मौसम में अब मई के अंतिम दिनों में गर्मी में तल्खी देखी जा रही है। इस बढती गर्मी के कारण हवा में धूल के कण चार गुना अधिक तक धुल गए हैं। जिसके चलते वायु की गुणवत्ता में कमी आई है। वहीं यास पश्चिमी उप्र में बेअसर साबित हो रहा है। नौतपा अपना असर तेजी से दिख रहा है। हालात यह है कि सुबह 10 बजे से ही धूप के तेवर ऐसे हैं कि लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। लॉकडाउन के बावजूद भी जहां सड़कों पर वाहन चालकों की आवाजाही बनी रहती थी। वहीं अब धूप और बढते तापमान के कारण लोग घरों में कैद होने लगे हैं। जिले में वायु गुणवत्ता की ​स्थिति भी गर्मी के कारण अब खराब होने के स्तर पर पहुंच रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआइ 104 है। जो कि गुरूवार के एक्यूआइ 80 से अधिक है। हवा में मानक के चार गुना से अधिक अति सूक्ष्म कण घुलने से वायु गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। सीपीसीबी द्वारा बेगमपुल स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन पर पिछले 24 घंटों में एकत्र आंकड़ों के आधार पर मेरठ में वायु गुणवत्ता स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। गुरूवार को हवा में घुली अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के चार गुना से अधिक रही। पिछले वर्ष 26 मई को एक्यूआइ 106 और वायु गुणवत्ता मध्यम स्थिति में रही थी। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार वायु गुणवत्ता एक्यूआइ 0-50 तक अच्छी,51-100 तक संतोषजनक,101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब,301-400 तक बहुत खराब और 401-500 तक खतरनाक स्थिति में रहती है।


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