राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 तो यूपी का 2.14 पर 

अब और भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत, अभी बढ़ेंगे मामले  


बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में एकाएक उछाल आया है, बुधवार को 24 घंटों में कोविड पाजिटिव आने वालों की तादाद बीस हजार हो गई हव। चिकित्सक इन बढ़ते मामलों के पीछे का प्रमुख कारण वायरस की प्रजनन क्षमता (रिप्रोडक्टिव वैल्यू या आर वैल्यू) में हुई वृद्धि को बता रहे हैं । इस सम्बन्ध में चेन्नई गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन के हवाले से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन-एमएस के वाइस चेयरमैन डॉ. सूर्यकान्त ने आज एक बड़ा खुलासा किया है । उनका कहना है कि अध्ययन के मुताबिक वायरस की प्रजनन क्षमता राष्ट्रीय स्तर पर जहाँ 1.32 है वहीँ उत्तर प्रदेश में यह 2.14 पर पहुँच चुकी है ।  
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि चेन्नई में गणितीय विज्ञान संस्थान के अध्ययन के अनुसार आर वैल्यू का राष्ट्रीय औसत या प्रजनन संख्या (कोविड-19 संचरण के मापदंडों में से एक) 1.32 है, जो दर्शाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति एक से अधिक लेकिन दो से कम लोगों में वायरस फैलाता है । अध्ययन के मुताबिक आर वैल्यू प्रजनन संख्या दर्शा रहा है कि उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और बिहार में महामारी तेजी से बढ़ रही है । पिछले दो हफ़्तों के दैनिक नए मामलों पर नजर रखने के बाद उत्तर प्रदेश के लिए प्रभावी प्रजनन संख्या का अनुमान 2.14, झारखण्ड का 2.13 और बिहार का 2.09 है । इसका मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति इन राज्यों में दो से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है । अध्ययन के मुताबिक गत सितम्बर में यह एक के नीचे पहुँच गया था ।
 डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि कोरोना के मामलों में आई कमी के चलते लोगों ने लापरवाही  बरतनी शुरू कर दी थी, जिसके कारण कोरोना को पाँव पसारने का मौका मिल गया । इस कारण के साथ ही प्रजनन क्षमता में हुई वृद्धि ने आग में घी का काम किया । इसलिए सभी से यही अपील है कि कोरोना वायरस ने जब अपना विस्तार कर लिया है तो हमें भी अब पहले से अधिक सतर्कता बरतनी है और सावधान रहना है । जब तक सभी का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक कोरोना से मुक्ति का योग बनना असम्भव है, इसलिए कोशिश होनी चाहिए कि बिना काम के बाहर न निकलें और बहुत जरूरी हो तो थ्री लेयर मास्क से अच्छी तरह से नाक और मुंह को ढककर ही निकलें । भीडभाड़ में जाने से बचें और जिससे भी मिलें उससे दो गज की दूरी बनाकर रखें । बेवजह किसी वस्तु को हाथ लगाने से बचें और किसी वस्तु के संपर्क में आते हैं तो हाथों को साबुन-पानी या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ़-सुथरा कर लें । यह प्रोटोकाल हर किसी को अपने साथ ही घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित करने के लिए आने वाले कुछ दिनों के लिए बहुत ही जरूरी हो गया है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. रोहताश यादव बुधवार को जनपद में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 134 तक पहुंच गई है।   जबकि जनपद में उपचारधीन  मरीजों की संख्या 584 हो गई है। जबकि अब तक 6352 मरीज स्वास्थ्य होकर अपने घर पहुंच गई है। 
आर वैल्यू क्या है : 
 आर नम्बर कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के फैलने की क्षमता को दर्शाता है, यह उन लोगों की संख्या है जो कि वायरस से औसतन संक्रमित हो चुके हैं । जिस समय लोग संक्रमण की चपेट में आते हैं, तत्काल उनका पता नहीं लगाया जा सकता है।  इसके लिए वैज्ञानिक परोक्ष रूप से काम करते हैं ।  आंकड़ा में शामिल होता है -  वायरस से मरने वालों की संख्या, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या व संक्रमण की जद में आने वालों की तादाद और वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण ।  इन सभी आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है कि वायरस कितनी आसानी से फ़ैल रहा है । यदि आर का मान एक से अधिक है तो प्रभावित लोगों की संख्या बढती रहती है और आर की वैल्यू एक से कम है तो बीमारी अंततः फैलना बंद कर देगी यानि संक्रमित लोगों की संख्या घट जाएगी ।

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