जिला अस्पतालमें 30 फीसदी मानसिक रोगियों की बढी संख्या

 

मेरठ। कोविड.19 का असर एक बार फिर लोगों के दिल-ओ- दिमाग पर छाने लगा है। संक्रमण में तेजी  आने के बाद जिला अस्पताल में डिप्रेशन के मरीजों की सं या 30 फीसदी बढ़ गई है। साल 2020 में कोरोना के भय के कारण डिप्रेशन के मामले बढ़ गए थे। मेरठ ही नहीं, देश के अलग.अलग हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आ रही थीं। इस बार भी ऐसा सिलसिला शुरू हो गया है। 
मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक केस बढऩे और दिमाग पर वायरस का असर होने की वजह से डिप्रेशन तक हो सकता है। जिला अस्पताल में मेंटल हेल्थ विभाग की काउंसलर डॉ. विभा नागर का कहना हैं कि मेंटल हेल्थ ओपीडी में हफ्ते भर में ऐसे केसेज में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। जबकि नेशनल मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन पर भी उनके पास इस तरह के रोज चार से सात कॉल आ रहे हैं ।
कुर्सी पर बैठकर
घर या कार्यस्थल पर में कुछ देर शांत कुर्सी पर बैठें, आंख  को बंद करें, पैरों को जमीन पर रखकर खुद को जमीन से जुड़े होने का आभास करें। ऐसा 5 से 15 मिनट तक करें जीने पर बैठकर जमीन में आसन लगाकर बैठें। कंधों को ढीला छोड़ें, सिर को पीछे करके आसमान की ओर देखें। इससे डिप्रेशन दूर करने में मदद मिलेगी। ऐसा 5 से 15 मिनट तक करे।
गहरी सांस लें
 जमीन पर सीधे बैठकर गहरी सांसें धीरे-धीरे 10 बार तक खींचें।  अनुलोम.विलोम करें, सुविधानुसार थोड़ी देर ध्यान करें।
हाथ धोना बीमारी नहीं
मनोरोग एक्सपर्ट डॉ. रवि राणा का कहना हैं कि लोगों को चाहिए कि वे हाथ धोने को भी बीमारी न बना लें। इसके लिए आवश्यकता होने पर हाथ धोएं, घर में सेफ हैं, तो इसकी जरूरत नहीं। किसी के कांटेक्ट में आने पर या अनसेफ चीज को छूने पर ही हाथ धोएं, बेवजह हाथ को मुंह, नाक व आंख में लगाने से बचें।

 मन को देंगे ये राहत
घर में परिजनों से और दोस्तों से ज्यादा से ज्यादा बात करें ,मनपसंद संगीत सुनें, फिल्म देखें, किताब पढ़ें । हरी सब्जी, मौसमी फल खाएं पानी भरपूर पिए।
 कोरोना संक्रमण  के केस बढऩे से लोगों डर भी बढ़ा है। जरा- सी समस्या होते ही मन में संक्रमित होने का वहम बैठ जाता है।  लोगों से अपील है कि डरें नहीं, नियमोंं का पालन करें, और समस्या बढऩे पर डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. कैमलेंद्र किशोर, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल

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