डीपीओ ने किया आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण, जाना बच्चों का हाल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिये निर्देश
मुजफ्फरनगर, 3 मार्च 2021। बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए शासन स्तर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में वजन दिवस योजना जनपद के सभी 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगातार जारी है। योजना की हकीकत एवं चिन्हित किए गए उन बच्चों का हाल जानने के लिए, जिनको पोषण की जरूरत है जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने ब्लॉक/परियोजना खतौली, जानसठ, मोरना का औचक निरीक्षण किया और आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर खुद बच्चों का वजन कराया और उन्हें पुष्टाहार उपलब्ध कराने के निर्देश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया जनपद में सभी 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से पांच साल तक के करीब 2.40 लाख बच्चे हैं, जिसमें 1.60 लाख बच्चों का वजन किया गया। 1.45 लाख बच्चों का वजन सामान्य निकला जबकि 10341 बच्चे अल्पवजन वाले मिले और 3671 बच्चे गंभीर अल्पवजन के बच्चे मिले। इनमें 2332 मैम (कुपोषित) तथा 1006 बच्चे सैम (अतिकुपोषित) श्रेणी में हैं। इन सभी बच्चों का स्वास्थ्य सुधारने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कोई बच्चा कुपोषित न रहे।
उन्होंने कहा कि शासन स्तर से संचालित की जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ बनाना है। वजन दिवस के माध्यम से शून्य से लेकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों का वजन लेकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करना है। निर्धारित वजन के आधार पर उन्हें कुपोषित, अतिकुपोषित और सामान्य श्रेणी में रखा जाता है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि बच्चों का समय-समय पर वजन व विकास (ग्रोथ) देखा जाए, जो बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हैं या कुपोषण के शिकार हैं, उनकी पहचान की जाए और चिन्हित बच्चों को आवश्यक पौष्टिक भोजन देकर उन्हें स्वस्थ बनाया जाए तथा उनके स्वास्थ्य की जांच की जाती रहे। उन्होंने बताया हर माह के पहले बुधवार को एएनएम उपकेन्द्रों पर, प्रत्येक शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एवं रविवार को आयोजित आरोग्य मेला में इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराई जा सकती है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पर 15 दिन रख कर उनके पोषण स्तर में सुधार लाया जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे के मातापिता को चाहिए कि वह नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर अपने बच्चे का वजन और लंबाई की माप कराएं और देखें कि उसकी आयु के अनुसार उसका वजन और लंबाई बढ़ रही है या नहीं। बच्चे को दिन में चार-पांच बार भोजन दें। यदि किसी समस्या के कारण मां का दूध नहीं हो रहा है या बच्चा दूध नहीं पी पा रहा है तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें, क्योंकि जन्म से छह माह तक मां का दूध बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ-साथ कोविड के दौरान बच्चों के हाथ और उसके खिलौने को साफ रखें।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान कुपोषित बच्चों के माता-पिता को समझाते हुए बताया बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास उसके खानपान पर भी निर्भर करता है। विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर आदि के सेवन से बच्चे का विकास सही ढंग से तो होता ही है, वह तंदुरुस्त भी रहता है। उचित खानपान नहीं मिल पाने के कारण बच्चे कम वजन व लंबाई और बार-बार बीमारी से जूझते हैं एवं कुपोषण की चपेट में भी आ जाते हैं। बच्चे को छह माह तक मां का दूध और छह माह के बाद मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देकर हम कुपोषण में कमी ला सकते हैं। कुपोषण के कारण बच्चों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और वह बार-बार बीमार पड़ते हैं।
No comments:
Post a Comment